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बिना खुदाई िकये संभव नहीं है आग बुझाना

डीसी रेल लाइन. सिंफर से नहीं आया भूमिगत आग बुझाने का प्रस्ताव, बोले कोल सचिव धनबाद : डीसी रेल लाइन बंद करना सेफ्टी रिलेटेड स्टेप था. लोगों की जान के साथ कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है. कल्पना करें कि जैसे यहां अचानक घर गिर जाता है, उसी तरह रेल चलती रहे और अचानक […]

डीसी रेल लाइन. सिंफर से नहीं आया भूमिगत आग बुझाने का प्रस्ताव, बोले कोल सचिव

धनबाद : डीसी रेल लाइन बंद करना सेफ्टी रिलेटेड स्टेप था. लोगों की जान के साथ कोई रिस्क नहीं लिया जा सकता है. कल्पना करें कि जैसे यहां अचानक घर गिर जाता है, उसी तरह रेल चलती रहे और अचानक पूरी रेल लाइन धंस जाये, नीचे धरती में समा जाये तो सोच सकते हैं, क्या होगा. इसलिए सभ्य समाज के रूप में ऐसा निर्णय लेना है, जो लोगों की सुरक्षा के साथ किसी प्रकार का समझौता नहीं हो. उसको देखते हुए यह निर्णय हुआ कि हमें रिस्क नहीं लेना चाहिए. ये बातें कोयला मंत्रालय के सचिव सुशील कुमार ने पत्रकारों से कही. वे शुक्रवार को आइआइटी आइएसएम, धनबाद के 92वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे थे.
डीसी लाइन पर परिचालन शुरू करने पर होगा विचार : 15 जून को धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन को पीएमओ ने बंद कर दिया गया. इसके बाद धनबाद-कुसुंडा व फुलारीटांड़ से चंद्रपुरा के बीच 11 नवंबर को ट्रेन का परिचालन शुरू किया. कुछ दिनों के अंदर ही चंद्रपुरा व सोनारडीह के बीच परिचालन का विस्तार किया गया.
लेकिन इसके बीच कुसुंडा से सोनारडीह तक रेल परिचालन अभी तक बंद रखा गया है. होने वाली बैठक में कुसुंडा से सोनारडीह के बीच दोबारा परिचालन शुरू करने पर मंथन किया जायेगा. इस सेक्शन में लगी ट्रेन के नीचे लगी आग को काबू पाने की दिशा में भी निर्णय लिया जायेगा.
वैकल्पिक मार्ग पर होगा विचार : उन्होंने कहा कि अब क्या विकल्प हो सकते हैं,
ताकि लोगों को कम से कम परेशानी हो, यह सारी बातें हमलोग बैठक में करेंगे. बैठक में चेयरमैन रेलवे बोर्ड, झारखंड की मुख्य सचिव, डीजीएमएस, बीसीसीएल सीएमडी, कोल इंडिया चेयरमैन शामिल रहेंगे. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने मुझसे बात की थी. उन्होंने कहा था कि हमें विचार-विमर्श करना होगा कि आगे क्या किया जाये. फिर जब निर्णय आयेगा कि वैकल्पिक मार्ग हैं तो कौन से हैं. यह देखना होगा.
बिना खुदाई िकये
सिंफर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं : डीजीएमएस ने बताया है कि कोई और तरीका संभव नहीं है, सिवाय खुदाई करने के. यदि कोई और तरीका होता तो रेल लाइन बंद क्यों कराते. बिना रेल लाइन उखाड़े आग बुझाने के सिंफर से कोई प्रस्ताव आने की बात को श्री कुमार ने नकार दिया. कहा कि ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं आया है.
कोयला उत्पादन नहीं आग बुझाना है मकसद
सचिव ने कहा कि लाइन उखाड़ कर कोयला उत्पादन करना मकसद नहीं है. लाइन को हटा कर आग को बुझाना मकसद है. जो समस्या है वह आग के कारण है, इसलिए पहले आग बुझाना जरूरी होगा. आग बुझाने के बाद की स्थिति कैसी होगी, यह देखना होगा. इसके लिए एक एक्शन प्लान बीसीसीएल ने बनाया है, उसको इंप्लीमेंट करना है और यह काम चल रहा है. आग का बुझना सबसे महत्वपूर्ण है, कोयला उत्पादन भी महत्वपूर्ण है. डीजीएमएस से भी मामले में बातचीत हुई है. बिना खुदाई के आग बुझाना संभव नहीं है. बर्निंग मेटेरियल को निकालना होगा. मामले में बैठक का कोई शिड्यूल फिलहाल तय नहीं किया गया है. नयी वैकल्पिक रेल लाइन बिछाने का खर्च कौन करेगा, यह भी निर्णय बैठक में
लिया जायेगा.

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