धनबाद: भारतीय खनि विद्यापीठ (आइएसएम) ने सेल्फ एडवांसिंग गोफ एड सपोर्ट सिस्टम (सेगेज) नामक एक मशीन का विकास किया है. भूमिगत खदानों के लिए आइएसएम की यह मशीन वरदान साबित होगी.
खदानों में जहां चाल धंसने की अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती थीं, बिना श्रमशक्ति की मदद के सेगेज से पिलर लगाया जा सकेगा. इससे उत्पादन में भी वृद्धि होगी. कोल मिनिस्ट्री की इओआइ स्पांसरशिप में जय भारत इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से संस्थान के प्रो यूके सिंह, डॉ धीरज कुमार (प्रोजेक्ट इनवेस्टीगेटर) तथा निदेशक जय भारत इक्विपमेंट प्राइवेट लिमिटेड हैदराबाद के संयुक्त प्रयास से सेगेज का सफल प्रयोग किया गया.
शोध व विकास : टीम को यंत्र के विकास में तीन साल का समय लगा. दो साल से मशीन कोलियरी में अंडरट्रायल थी. शुक्रवार को सेगेज को कोल मिनिस्ट्री को सुपुर्द कर दिया गया. इसके पूर्व बीसीसीएल की बस्ताकोला स्थित विक्ट्री कोलियरी में सिस्टम का उद्घाटन सीएमपीडीआइएल के सीएमडी एके देवनाथ ने किया. इस अवसर पर संस्थान के निदेशक डीसी पाणिग्रही, आइआइटी मुंबई के डीन (एकेडमी) प्रेमचंद पांडेय, डिप्टी डायरेक्टर डीजीएमएस अखिलेश कुमार आदि उपस्थित थे.