कतरास: झारखंड ग्रामीण देशी चिकित्सक संघर्ष मोर्चा का एक प्रतिनिधिमंडल रांची में स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी से मिल उन्हें छह सूत्री मांग पत्र सौंपा. नेतृत्व पार्षद डॉ विनोद गोस्वामी ने किया. रविवार को भटमुड़ना में प्रेस वार्ता कर मोर्चा के अध्यक्ष श्री गोस्वामी ने बताया कि ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में गरीब व कमजोर लोगों को देशी चिकित्सक सेवा प्रदान करते हैं.
देशी चिकित्सकों को स्वास्थ्य विभाग प्रशिक्षित कर मान्यता प्रदान करे. मांग की कि देशी चिकित्सकों पर झारखंड सरकार के स्वास्थ्य चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर सचिव ने कार्रवाई का जो आदेश दिया है, उसे निरस्त किया जाये. मंत्री ने मोर्चा को आश्वस्त किया कि कोई कार्रवाई नहीं होगी. देशी चिकित्सक अपने दायरे में रह कर सेवा दे सकते हैं.
हमारे प्रदेश में अभी पर्याप्त मात्रा में चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी नहीं हैं. अगर वे चिकित्सा नहीं करेंगे, तो लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. श्री गोस्वामी ने कहा कि अगर सरकार जल्द उनकी मांगों पर पहल नहीं करती है, तो पूरे प्रदेश में प्राथमिक चिकित्सा देने वाले लगभग पांच लाख चिकित्सकों को लेकर आंदोलन किया जायेगा. चिकित्सकों ने जानकारी दी कि आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सकों को एलोपैथिक दवाएं प्रयोग करने का सुप्रीम कोर्ट ने अधिकार दिया है, फिर झारखंड प्रदेश में इस पर प्रतिबंध क्यों है. मौके पर डॉ पूर्णेंदु गोस्वामी, डॉ संजय कुमार तिवारी, डॉ मनोज कुमार, डॉ दिनेश दसौंधी, डॉ मनोज कुमार साहू, डॉ जीके राय, डॉ चंद्रशेखर प्रसाद, डॉ एससी गोराईं, डॉ आरएन यादव, डॉ गोपाल सिन्हा, डॉ एस बनर्जी, डॉ आर सरकार आदि मौजूद थे.