धनबाद: इंडियन रिजर्व बटालियन में कांस्टेबल बहाली की परीक्षा को लेकर धनबाद में बाहर से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पहुंच गये हैं. पूरा स्टेशन परिसर अभ्यर्थियों से पटा हुआ है. रविवार को धनबाद के 45 परीक्षा केंद्रों पर बहाली के लिए परीक्षा होनी है. सभी केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं. केंद्राधीक्षक के अलावा सभी केंद्रों पर स्टैटिक दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस बल की तैनाती की गयी है.
तीन केंद्रों पर एक उड़नदस्ता रहेगा. साथ ही जोनल दंडाधिकारी भी केंद्रों का भ्रमण करेंगे. परीक्षा दो पाली में होनी है. हर केंद्र पर दो सौ से तीन सौ अभ्यर्थियों का केंद्र है. परीक्षा में शामिल होने बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला से भारी संख्या में परीक्षार्थी धनबाद पहुंचने तथा स्टेशन पर जमने के बाद रात में प्रशासन हरकत में आया.
स्टेशन खाली करने को तैयार नहीं हुए अभ्यर्थी : शनिवार देर शाम अनुमंडल पदाधिकारी अनन्य मित्तल ने आदेश जारी किया कि बाहर से आये अभ्यर्थी शहर के कला भवन, गांधी सेवा सदन तथा धनबाद थाना के नये भवन में ठहर सकते हैं. इस संबंध में स्टेशन परिसर में लगातार मुनादी करायी गयी. थाना से वायरलेस भी कराया गया. लेकिन, स्टेशन परिसर में डेरा जमाये अभ्यर्थी वैकल्पिक स्थानों पर जाने को तैयार नहीं हुए. देर रात तक पुलिस पदाधिकारी स्टेशन परिसर को खाली कराने में लगे हुए थे.
कला भवन बंद मिला, बाकी जगह ठंड से बचने की सुविधा न मिली : इधर देर रात कई अभ्यर्थी प्रशासन द्वारा उपलब्ध ठहराव स्थल पहुंचे, लेकिन कही उन्हें रात गुजारने की जगह छोड़ कोई सुविधा नहीं मिल सकी. यहां तक की दर्जन भर परीक्षार्थियों को बिना लाइट के रात गुजारनी पड़ी. हुआ यू कि धनबाद स्टेशन पर प्रशासन द्वारा परीक्षार्थियों के ठहरने के स्थान की घोषणा के बाद कई परीक्षार्थी कला भवन पहुंचे तो उन्हें वहां ताला जड़ा मिला. निराश परीक्षार्थी ने पूछताछ की तो पता चला की वहीं पास के इंडोर स्टेडियम में प्रशासन द्वारा ठहरने की व्यवस्था की गयी है. जहां अपने चादर-कंबल के सहारे करीब एक दर्जन परीक्षार्थियों ने रात काटी.
लाइट की भी व्यवस्था नहीं थी : बताते है कि जब परीक्षार्थी नवनिर्मित धनबाद थाना पहुंचे तो वहां उन्हें रात गुजारने को छत तो मिली, पर ठंड से बचने व लाइट की व्यवस्था नहीं थी. परीक्षार्थियों को अपने मोबाइल की लाइट जला कर भोजन करना पड़ा. वहीं रणधीर वर्मा चौक स्थित गांधी सेवा सदन में पहले तल्ले पर भी परीक्षार्थियों को सर छुपाने के लिए छत के अलावे कोई सुविधा नहीं मिली.