रिपोर्ट से बीसीसीएल मुख्यालय भी सकते में है. दरअसल, बस्ताकोला क्षेत्र के असुरक्षित क्षेत्रों में रह रहे 454 कामगारों को सुरक्षित स्थान पर बसाने के लिए इतने ही आवास मुख्यालय ने कुसुम विहार में आवंटित किये हैं. मजदूर प्रारंभ से टाउनशिप के आवासों में नहीं जाना चाहते हैं. उनकी शिकायत है कि अावासों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है. मजदूरों के इंकार करने से प्रबंधन भी परेशान है. बीसीसीएल मुख्यालय कर्मियों को अविलंब कुसुम विहार शिफ्ट कराने पर जोर दिये हुए है. बस्ताकोला प्रबंधन पर दबाव पड़ने के बाद अधिकारी शिफ्टिंग को ले एड़ी-चोटी एक किये हुए हैं. जो मजदूर आवंटित आवास में शिफ्ट नहीं कर रहे हैं, उनकी हाजिरी रोक दी गयी है. बावजूद मजदूर वहां नहीं गये.
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रहने लायक नहीं हैं कुसुम विहार के मजदूर आवास
झरिया: बीसीसीएल की धनबाद टाउनशिप कुसुम विहार में बनवाये गये सैकड़ों मजदूर आवास रहने लायक नहीं हैं. देश में कोयला की जरूरत पूरी करने में अपना खून-पसीना बहाने वाले मजदूरों के लिए निर्मित इन आवासों में भारी कमियां हैं. जांच के लिए गठित यूनियन प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों की टीम ने वरीय अधिकारी को जो […]
झरिया: बीसीसीएल की धनबाद टाउनशिप कुसुम विहार में बनवाये गये सैकड़ों मजदूर आवास रहने लायक नहीं हैं. देश में कोयला की जरूरत पूरी करने में अपना खून-पसीना बहाने वाले मजदूरों के लिए निर्मित इन आवासों में भारी कमियां हैं. जांच के लिए गठित यूनियन प्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों की टीम ने वरीय अधिकारी को जो रिपोर्ट सौंपी है, वह चौंकाने वाली है.
जमसं के दबाव पर जांच : जब मामले की जानकारी जमसं नेताओं को हुई, तो उन्होंने प्रबंधन पर दबाव बनाया. कहा कि टाउनशिप का एक भी आवास मजदूर के रहने लायक नहीं है. वहां मूलभूत सुविधाओं की कमी है. शिकायत के बाद राजापुर पीओ विंध्याचल सिंह ने सुरक्षा अधिकारी चंदन राय की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच टीम गठित कर दी. टीम में कार्मिक प्रबंधक अमित महतो, वेलफेयर इंस्पेक्टर आरसी पासवान, जमसं (बच्चा) के अभिराज सिंह, जमसं (कुंती) के रंजीत सिंह शामिल थे. टीम 14 नवंबर, 17 को कुसुम विहार टाउनशिप गयी. वहां आवासों का निरीक्षण किया गया. टीम ने वीरेंद्र कुमार, धनंजय कुमार, मेघनाथ भुईयां, पोखराज बेलदार आदि कर्मियों से जानकारी ली. जांच के दौरान आवासों में सुविधाओं का घोर अभाव पाया गया. बाद में जांच टीम ने बस्ताकोला व मुख्यालय प्रबंधन को अपनी रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट से मुख्यालय के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ गयी है.
…और भड़क उठे जीएम सेफ्टी : कुछ कर्मियों ने बताया कि मुख्यालय के जीएम (सेफ्टी) एके सिंह जांच टीम की रिपोर्ट पर टाउनशिप का दौरा करने पहुंचे थे. श्री सिंह आवासों की स्थिति देख भड़क उठे. असैनिक विभाग के अधिकारी एसएन प्रसाद से पूछा कि कब तक काम पूरा होगा. केवल मुखौटा खड़ा करने से काम चलने वाला नहीं है. असैनिक विभाग की लापरवाही के कारण टाउनशिप में मूलभूत समस्याओं का अभाव है. इस पर श्री प्रसाद ने जल्द काम पूरा कर लेने की बात कही. इस बारे में जीएम सेफ्टी एके सिंह व सिविल विभाग के अभियंता एसएन प्रसाद से दूरभाष पर संपर्क कर उनका पक्ष मांगा गया, लेकिन दोनों ने मीटिंग में होने की बात कह कुछ भी बताने में असमर्थता जतायी.
शोभा का वस्तु बना जलमीनार
कुसुम बिहार टाउनशिप के आवासों में पानी आपूर्ति के लिए 50 हजार गैलन क्षमता वाली पानी टंकी का निर्माण किया गया है. इसमें पानी स्टोर नहीं हो रहा है. अलग से दो टंकी बनायी गयी है. इसमें पंप से पानी देना है. पंप नहीं रहने से टंकी में पानी नहीं चढ़ता है. पानी, बिजली आपूर्ति के लिए किसी कर्मी को भी नहीं तैनात किया गया है.
अनियमितता बरतने का आरोप
जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में आवास निर्माण में अनियमितता बरतने की बात कही है. कहा है कि टाउनशिप में 11 सौ आवास बने हैं, लेकिन एक भी आवास कर्मियों को रहने लायक नहीं है. वहां बिजली, पानी, शौचालय व किचन की समुचित व्यवस्था नहीं है. इसे सुविधायुक्त बनाना होगा. आवासों की छत पर बनायी गयी पानी टंकी में दरार पड़ गयी है. कुछ टंकियां टूटने लगी हैं. मजदूरों का कहना था कि आज ही दरार पड़ गयी, तो कल क्या होगा. मजदूर आवासों में पानी सप्लाई के लिए पाइप तो लगा है, लेकिन उसमें पानी नहीं आ रहा है. यहां रह रहे कर्मी किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं.
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