धनबादः बीएसके कॉलेज मैथन प्रबंधन क्लास के लिए चाहे जितना भी दावा करे, लेकिन जमीनी सच्चई यह है कि 7500 छात्रों की पढ़ाई मात्र 22 टीचर्स भरोसे कतई संभव नहीं है. गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की तो बात ही बेमानी होगी. यह खुलासा इंडियन एसोसिएशन फॉर प्रमोशन ऑफ ह्यूमन राइट एंड सोशल जस्टिस के आरटीआइ के तहत पूछे गये सवाल से हुआ है.
नियम के अनुसार 30 छात्रों पर एक शिक्षक होना चाहिए. इसमें दो विभाग में छात्र तो हैं, लेकिन शिक्षक नहीं. कॉलेज में इंटर से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई होती है. इस संबंध में श्री चौधरी ने कहा कि क्या यह हालत हजारों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं है. पीके राय कॉलेज व एसएसएलएनटी की रिपोर्ट भेज चुका हूं. बीएसके कॉलेज मैथन की हालत की भी रिपोर्ट भी राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजूंगा.