पूर्वी सिंहभूम जिले में 157 व सरायकेला जिले में 140 कम विद्यार्थी वाले स्कूल हैं. सचिव ने चिह्नित स्कूलों को समीप के स्कूल में मर्ज करने का निर्देश दिया. शिक्षक मर्ज होनेवाले स्कूल में अपनी सेवा देंगे. समीक्षा के दौरान बताया गया कि कुल 2014 वैसे स्कूल हैं, जहां 20 बच्चों तक का नामांकन किया गया है. इनमें 100 वैसे स्कूल हैं, जहां पांच बच्चे तक, 150 वैसे स्कूल हैं, जहां पांच से 10 बच्चों का ही नामांकन हो सका है. एक किमी के दायरे में अवस्थित स्कूलों में इन्हें मर्ज किया जायेगा.
सचिव श्रीमती पटनायक ने निर्देश दिया कि लंबित मामलों के शीघ्र निष्पादन की दिशा में त्वरित कदम उठाया जाये. लंबित वादों में एक सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दायर कर पक्ष रखा जाये. सचिव ने डीएसइ को निर्देश दिया कि अंतर जिला स्थानांतरण वाले शिक्षकों को शीघ्र स्कूलों में पदस्थापित किया जाये. 20 नवंबर तक हर हाल में पदस्थापित करने का निर्देश दिया गया. इसके लिए सचिव ने आरडीडीइ को दायित्व साैंपा. अंतर जिला स्थानांतरण के लिए आवेदन देनेवाले शिक्षकों का प्रतिवेदन 10 नवंबर तक विभाग में जमा करने का निर्देश दिया गया. वर्ष 2015-16 में नियुक्त शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सत्यापन रिपोर्ट 10 नवंबर तक साैंपने को कहा गया. शिक्षाकर्मियों के बकाया वेतन का शीघ्र भुगतान करने का निर्देश दिया गया. विभागीय सचिव ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत मान्यता के लिए आवेदन नहीं देनेवाले स्कूलों को अविलंब बंद कराने का निर्देश दिया. बिना मान्यता के स्कूलों का संचालन नहीं होना चाहिए. अधिकारियों को प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ की गयी कार्रवाई की रिपोर्ट देने को कहा गया. मान्यता के लिए प्राप्त आवेदनों का भी शीघ्र निष्पादन करने का निर्देश दिया गया. इस अवसर पर प्राथमिक शिक्षा निदेशक मीना ठाकुर, परियोजना निदेशक ए मुत्थु कुमार, प्रशासी पदाधिकारी मुकेश कुमार सहित विभिन्न प्रमंडलों के आरडीडीइ व डीएसइ उपस्थित थे.