राजगंज: हिंदुस्तान जिंदाबाद था है और रहेगा, क्योंकि यही वह धरा है जहां राम और कृष्ण ने जन्म लिया है. पाकिस्तान तो हिंदुस्तान का दिया हुआ एक टुकड़ा है. वह हमारे दिये हुए टुकड़े में पल रहा है. उक्त बातें श्री हित ललित वल्लभ नागार्च ने युवा समर्पण राजगंज द्वारा आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन कही. कहा कि भागवत कथा में ऐसा रस है कि सुनने पर हर बार नया लगता है. यह भगवान श्रीकृष्ण का साक्षात स्वरूप है.
कहा कि मानव को अन्न और जल सात्विक ग्रहण करना चाहिए. जैसा खायेंगे अन्न, वैसा ही होगा मन. जैसा पीयेंगे पानी वैसी होगी वाणी. कहा कि नारी क्षमा व शीलता की प्रतीक है. इसी वजह से पृथ्वी पर भगवान ने कभी राम बन कर तो कभी कृष्ण बन कर जन्म लिया. गरीब कन्या के विवाह, निर्धन बच्चों की शिक्षा व्यवस्था आदि पर किया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता है, वह सर्वोपरि है. धर्म में राजनीति व व्यापार का घुसपैठ पतन और धर्म का प्रवेश वैभव की पराकाष्ठा लाता है. भाई के हिस्से की संपत्ति पर गलत नीयत डालने वालों की दुर्गति तय है.
हरिकीर्तन से हुई कथा की शुरुआत
कथा की शुरुआत हरि कीर्तन से हुई. जिप अध्यक्ष रोबिन गोराईं, गया के सूरज बाबा व रिया चौरसिया, सांसद प्रतिनिधि अजय कुमार सिंह, कांको हिल स्कूल के सचिव राजीव रंजन सिंह, भाजपा नेता सुरेश महतो, पूर्व मुखिया नरेश महतो व थानेदार उमेश प्रसाद ने दीप जलाया. स्वागत प्रमोद चौरसिया, राजीव रंजन रवानी, संदीप अग्रवाल, अजय दे, राकेश कुमार, नीलकंठ रवानी, सचिन चौरसिया, सूरज सोनी, संतराम, रेवती, चंदन, संजय, श्याम, महेंद्र, संतोष, नवीन, प्रीतम, अवधेश, अजय ने किया.
आज होगा श्रीकृष्ण जन्म
मंगलवार को मद्भागवत कथा में श्री कृष्ण जन्म प्रसंग पर कथा होगी. इसको लेकर समिति की ओर से आकर्षक साज सज्जा व खीर प्रसाद की व्यवस्था युवा समर्पण द्वारा की जा रही है. सोमवार को प्रसाद ग्रहण करने के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. कथा सुनकर श्रद्धालु खुद को धन्य समझ रहे हैं.
सात्विक हुआ पूरा इलाका
केवल राजगंज ही नहीं बल्कि इस पंचायत के कई गांव पूरी तरह से सात्विक हो गये हैं. निरामिष आहार का लोग सेवन कर रहे हैं. एक दूसरे से मुलाकात होने पर राधे-राधे का उच्चारण करने लगे हैं. तीसरे दिन भी चार हजार से अधिक लोगों ने कथा श्रवण किया.
मंच पर जाकर कमेटी को दिये 50 हजार रुपये
कथा वाचक से आशीर्वाद लेने एक महिला मंच पर गयीं. वह वाचन से इतनी भाव विह्वल हो गयी कि आयोजन कमेटी को 50 हजार रुपये देने की घोषणा कर दी. संभ्रांत घराने की उक्त महिला ने अनुरोध किया कि इसका उसे प्रचार नहीं चाहिए. इसलिए नाम नहीं प्रकाशित किया जा रहा है.