धनबादः कोयलांचल में किडनी के मरीज काफी संख्या में बढ़ रहे हैं. धनबाद में करीब दस डायलिसिस सेंटर हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं. प्रति माह दर्जनों मरीज इलाज के लिए कोलकाता आते हैं. ये बातें मेडिका सुपरस्पेलिटी अस्पताल,कोलकाता के वाइस चेयरमैन व इंडियन नेफ्रोलॉजिस्ट के अध्यक्ष डॉ डीके पहाड़ी ने कही. वह कोलाकुसमा के एक होटल में चिकित्सकों के कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि कोलकाता में किडनी ट्रांसप्लांट का खर्च काफी कम है. दिल्ली, मुंबई में जहां छह लाख रुपये लगते हैं, वहीं कोलकाता में तीन से चार लाख में हो जाता है. यही वजह है कि दिल्ली, मुंबई सहित कई शहरों के लोग कोलकाता आ रहे हैं. इधर, आइ कॉन क्रिटिकल केयर के साथ मेडिका का टाइअप भी हुआ. मौके पर डॉ एएम राय, डॉ एम नारायण, डॉ एनके पांडेय, डॉ एनके सिंह, डॉ लीना सिंह, डॉ डी चक्रवर्ती, डॉ एनके मोदी सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.
नियमित जांच जरूरी : डॉ पहाड़ी ने बताया कि किडनी की नियमित जांच करानी चाहिए. यूरिन टेस्ट, रक्त में यूरिया व हीमोग्लोबिन टेस्ट व अल्ट्रासोनोग्राफी से यह बीमारी पकड़ में आ जाती है. कहा जाता है कि मांसाहारी लोग अधिक मात्र में प्रोटीन लेते हैं, इसलिए किडनी खराब हो जाती है, लेकिन शाकाहारी लोग के किडनी भी खराब होते हैं. साउथ इंडिया में लोग मांसाहारी कम हैं, लेकिन वहां भी किडनी के काफी केस देखने को मिल रहे हैं.