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होल्डिंग नंबर को लेकर रजिस्ट्री ठप

धनबाद: जमीन-मकान की रजिस्ट्री में नयी समस्या खड़ी हो गयी है. होल्डिंग नंबर लेकर सैकड़ों लोग जमीन-मकान की रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं लेकिन रजिस्ट्री विभाग के सर्वर में होल्डिंग नंबर की इंट्री नहीं होने के कारण वे लोग बैरंग लौट रहे हैं. शुक्रवार से निगम क्षेत्र की जमीन व मकान की रजिस्ट्री पूरी तरह […]

धनबाद: जमीन-मकान की रजिस्ट्री में नयी समस्या खड़ी हो गयी है. होल्डिंग नंबर लेकर सैकड़ों लोग जमीन-मकान की रजिस्ट्री कराने पहुंच रहे हैं लेकिन रजिस्ट्री विभाग के सर्वर में होल्डिंग नंबर की इंट्री नहीं होने के कारण वे लोग बैरंग लौट रहे हैं. शुक्रवार से निगम क्षेत्र की जमीन व मकान की रजिस्ट्री पूरी तरह ठप है. अब तक निगम के सैफ नंबर पर जमीन-मकान की रजिस्ट्री होती थी. लेकिन शुक्रवार से सरकार ने सैफ नंबर की जगह होल्डिंग नंबर को अनिवार्य कर दिया है. लिहाजा जमीन-मकान की रजिस्ट्री पूरी तरह ठप है.
सरकार के सर्वर में निगम के डाटा की इंट्री नहीं : आउटसोर्स कंपनी रितिका को हटाये जाने के बाद नगर निगम ने अपना सर्वर शुरू किया. पांच जुलाई से नयी व्यवस्था शुरू की गयी. जमीन व मकान की रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर अनिवार्य किये जाने के बाद निगम में होल्डिंग कराने की होड़ लग गयी. नगर निगम अपने स्तर से लाभुकों की जमीन व मकान का होल्डिंग जेनेरेट कर रहा है. चुकीं निगम का अपना सर्वर है. सरकार के सर्वर में निगम के डाटा की इंट्री नहीं हो रही है. लिहाजा रजिस्ट्री विभाग के पोर्टल पर लाभुक का होल्डिंग नंबर नहीं दिख रहा है. ऐसे में सैकड़ों लाभुकों का मामला फंस गया है. बुधवार को दर्जनों लाभुकों ने नगर आयुक्त से मामले की शिकायत की. इसके बाद समस्या के निदान के लिए नगर निगम रेस हुआ. उपाय ढूंढ़े जा रहे हैं.
‘सरकार के सर्वर में मैपिंग करायी जायेगी’
नगर आयुक्त मनोज कुमार ने कहा कि पूर्व में रितिका प्रिंटेक के माध्यम से होल्डिंग नंबर जेनेरेट होता था. रितिका के हटने के बाद निगम ने अपना सर्वर ले लिया है. होल्डिंग नंबर जेनेरेट तो हो रहे हैं लेकिन सरकार के सर्वर में मैपिंग नहीं हो रही है. सूडा के निदेशक से बातचीत हुई है. पांच जुलाई के बाद जो भी होल्डिंग नंबर जेनेरेट हुए हैं, उसकी मैपिंग सरकार के सर्वर में करायी जायेगी. एक-दो दिनों में डाटा की मैपिंग हो जायेगी. अगले सप्ताह से होल्डिंग नंबर से जमीन-मकान की रजिस्ट्री की समस्या नहीं रहेगी.
पोर्टल में होल्डिंग नंबर दिखेगा तभी होगी रजिस्ट्री : अवर निबंधक
अवर निबंधक संतोष कुमार ने कहा कि सरकार ने निगम क्षेत्र की जमीन व मकान की रजिस्ट्री में होल्डिंग नंबर अनिवार्य कर दिया है. नगर निगम जो होल्डिंग नंबर जेनेरेट करता है, वह रजिस्ट्री विभाग के पोर्टल में भी दिखना चाहिए. जब तक पोर्टल में संबंधित लाभुक का होल्डिंग नंबर नहीं दिखेगा, उनकी जमीन व मकान की रजिस्ट्री नहीं होगी.

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