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आंदोलन: मांगों को लेकर कोयला भवन पर इंटक ने किया प्रदर्शन, नेताओं ने कहा मजदूरों का हक छीन रही है सरकार
धनबाद: केंद्र सरकार एवं कोल इंडिया प्रबंधन पर मजदूर विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए इंटक एवं इससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कोयला भवन के समक्ष प्रदर्शन किया. बाद में सभा की गयी. अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री ओपी लाल ने कहा कि खदानों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य मजदूरों को सामाजिक […]
धनबाद: केंद्र सरकार एवं कोल इंडिया प्रबंधन पर मजदूर विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए इंटक एवं इससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कोयला भवन के समक्ष प्रदर्शन किया. बाद में सभा की गयी. अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री ओपी लाल ने कहा कि खदानों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य मजदूरों को सामाजिक सुरक्षा देना था. लेकिन मौजूदा सरकार मजदूरों का शोषण करने में लगी है. मजदूरों को जो हक मिला हुआ है उसे छीना जा रहा है. अच्छे दिन लाने की बात कहने वाली सरकार ने बुरा दिन ला दिया है.
पूर्व मंत्री मो. मन्नान मलिक ने कहा कि मजदूरों की नौकरी खतरे में है. सरकारी उद्योग बंद हो रहे हैं. आने वाला समय मजदूरों के लिए संकट लाने वाला है. डीसी लाइन बंद कर हजारों लोगों को बेरोजगार बना दिया गया है.
आरसीएमएस के महामंत्री एके झा ने कहा कि दसवें वेतन समझौते में प्रबंधन ने संडे, ओटी की कटौती का प्रस्ताव दिया है. भूमिगत भत्ता समेत सभी भत्तों को फ्रीज करने का निर्णय लिया गया है. ठेका मजदूरों को स्थायी मजदूर के वेतन एवं बोनस की सुविधा से वंचित किया जा रहा है.
राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन के संयुक्त महामंत्री बीरेंद्र अंबष्ट ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन मोदी सरकार के इशारे पर काम कर रहा है. उन्होने बीएमएस पर प्रहार करते हुए कहा कि आज प्रदर्शन में उमड़ी मजदूरों की भीड़ ने अपनी ताकत का अहसास करा दिया है. इंटक मजदूरों के लिए आंदोलन की राह पर चल चुकी है. मजदूरों का हक मिलने से अब कोई रोक नहीं सकता. सभा को ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह, सुरेश चंद्र झा, केबी सिंह, अजबलाल शर्मा, महेंद्र सिंह, मिथिलेश कुमार सिंह, रामप्रीत, लगनदेव यादव, नंदलाल पासवान, वीरेंद्र पासवान, सतीश रजक, एन के शर्मा समेत अन्य ने संबोधित किया. सभा के बाद बीसीसीएल के सीएमडी के नाम एक 25 सूत्री मांग पत्र दिया गया.
आठ साल बाद जिंदाबाद-मुर्दाबाद
सत्ता की चाशनी में डूबे रहनेवाले हाथ सत्ता जाने के बाद आज हवा में लहराते नजर आये. करीब आठ साल के बाद इंटक ने कोयला भवन के समक्ष कोई आंदोलनात्मक कार्यक्रम किया. प्रदर्शन में शामिल इंटक नेता-कार्यकर्ता मोदी सरकार मुर्दाबाद, कोल इंडिया प्रबंधन मुर्दाबाद, राजेंद्र बाबू जिंदाबाद आदि नारे लगा रहे थे. इधर पिछले साल 16 सितंबर को दिल्ली हाइकोर्ट से जेबीसीसीआइ में शामिल होने पर लगी रोक के बाद कोयला उद्योग में इंटक का जलवा लगातार कम होता जा रहा है. ऊपर से कोयला मंत्रालय के आदेश के बाद कोल इंडिया प्रबंधन ने सभी कमेटियों से इंटक को बाहर कर दिया है. इसका भी असर पड़ा है. इंटक को उम्मीद थी कि उसके बगैर चार यूनियन दसवां वेतन समझौता नहीं करेगी. लेकिन दसवां वेतन समझौते के एमअयू पर लगभग सहमति बन चुकी है. मंगलवार को दिल्ली में जेबीसीसीआइ की बैठक है. जिसमें समझौते पर हस्ताक्षर हो जाने की प्रबल संभावना जतायी जा रही. इन सबके बीच इंटक ने 9 अक्तूबर को प्रदर्शन एवं 6 से 7 नवंबर को हड़ताल का एलान किया है.
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