लेकिन सरकार ने जो फरमान जारी किया है, उसका हमलोग विरोध करते हैं. सरकार ने 30 सितंबर तक प्रदूषण जांच केंद्र खोलने की डेड लाइन जारी की है. 30 सितंबर तक जांच केंद्र नहीं खोलने पर लाइसेंस निरस्त करने की चेतावनी दी है. सरकार के फैसले के बाद एसोसिएशन का प्रतिनिधिमंडल 15 सितंबर को ट्रांसपोर्ट कमिश्नर से मिला. लेकिन उन्होंने भी पहल नहीं की. लिहाजा उच्चतम न्यायालय की शरण में जाना पड़ा. प्रेस कांफ्रेंस में कोलफील्ड पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के महासचिव संजीव राणा, कमल सिंह, कालिका साव आदि थे.
इसके लिए लगभग तीन से चार माह लगता है. जिले में ग्रीन व्यू, महिंद्र सर्विस, किंग्स पेट्रोल व गोल्डेन पेट्रोल पंप में प्रदूषण जांच केंद्र है, लेकिन ग्राहक नहीं आते हैं.