धनबाद: कोल अधिकारियों के परफॉर्मेस रिलेटेड पे (पीआरपी) मामले में बुधवार को चुनाव आयोग ने कोल मंत्रलय को नो ऑबजेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) दे दिया है. आदर्श आचार संहिता लगने की वजह से 26 मार्च को कैबिनेट सचिव व कोल मंत्रलय ने चुनाव आयोग से कोल अधिकारियों को पीआरपी देने के लिए एनओसी की मांग की थी.
इस आधार पर एनओसी
आयोग ने कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में कहा है कि पीआरपी की मांग काफी पुरानी है. पीआरपी देने में बजट की जरूरत नहीं है, न ही कोई अन्य बजटरी सपोर्ट की जरूरत है. पीआरपी का फंड कंपनी की ट्रेजरी में मौजूद है. इसको आधार मान कर एनओसी दी जा रही है.
अब क्या होगा आगे
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को पीआरपी पर आयोग का एनओसी कोल सचिव तक पहुंच गया है. कोल सचिव की ओर से अनुमोदन व एनओसी 11 अप्रैल को कैबिनेट सचिवालय भेजा जायेगा. जल्द ही कैबिनेट सचिवालय कागजी प्रक्रिया पूरी कर कोल मंत्रलय को पीआरपी देने का आदेश निर्गत करेगा. कोल इंडिया अधिकारियों को पीआरपी देने का कार्य शुरू करेगी.
मई तक भुगतान की उम्मीद
हक की लड़ाई में सीएमओएआइ को जीत मिली है. पीआरपी को लेकर लगभग 26 हजार कोल अधिकारियों की निगाहें चुनाव आयोग के तरफ थी. एनओसी की खबर मिलते ही अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गयी है.
सुधांशु दुबे, अध्यक्ष , सीएमओएआइ, बीसीसीएल शाखा
पूरी प्रक्रिया में लगभग तीन सप्ताह का वक्त लग जायेगा. उम्मीद है कि मई में भुगतान शुरू हो जायेगा. मंत्रलय व कंपनी का फैसला सीएमओएआइ के हक में है.
भवानी बंदोपाध्याय, महासचिव, सीएमओएआइ, बीसीसीएल शाखा