विभागीय सूत्रों के मुताबिक सर्वे के दौरान 675 प्रतिष्ठानों में इंवाइस निर्गत किये जाने की पुष्टि हुई. 81 ऐसे प्रतिष्ठान चिह्नित किये गये हैं जो 20 लाख से अधिक का कारोबार कर रहे हैं, लेकिन जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया. इसके अलावा 35 ऐसे प्रतिष्ठान चिह्नित किये गये जो टैक्स इंवाइस निर्गत कर रहे हैं लेकिन प्रोपर तरीके से नहीं. विभाग के अुसार उपरोक्त व्यवसायियों पर आगे कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
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259 प्रतिष्ठानों में नहीं काटा जा रहा टैक्स इंवाइस
धनबाद. एक जुलाई से जीएसटी लागू है. दो माह बीत जाने के बावजूद कुछ डीलर टैक्स इंवाइस नहीं काट रहे हैं. यह खुलासा वाणिज्यकर के एक सर्वे में हुआ है. पिछले दिनों वाणिज्यकर विभाग ने धनबाद-बोकारो प्रमंडल के विभिन्न अंचलों में 1050 प्रतिष्ठानों का सर्वे किया. इनमें 259 प्रतिष्ठानों में टैक्स इन्वाइस नहीं काटे जाने […]
धनबाद. एक जुलाई से जीएसटी लागू है. दो माह बीत जाने के बावजूद कुछ डीलर टैक्स इंवाइस नहीं काट रहे हैं. यह खुलासा वाणिज्यकर के एक सर्वे में हुआ है. पिछले दिनों वाणिज्यकर विभाग ने धनबाद-बोकारो प्रमंडल के विभिन्न अंचलों में 1050 प्रतिष्ठानों का सर्वे किया. इनमें 259 प्रतिष्ठानों में टैक्स इन्वाइस नहीं काटे जाने का मामला सामने आया. ऐसे प्रतिष्ठानों की सूची तैयार पर मुख्यालय भेजी गयी है. मुख्यालय के आदेश पर आगे की कार्रवाई होगी.
63 डीलरों ने जीएसटी में माइग्रेट नहीं किया
वाणिज्यकर विभाग के मुताबिक 63 ऐसे रजिस्टर्ड डीलर हैं जिन्होंने अब तक जीएसटी में माइग्रेट नहीं किया है. इनमें धनबाद अंचल में 15, कतरास अंचल में 06, चिरकुंडा अंचल में 11 व नागरिक अंचल में 08 डीलर हैं. जांच चल रही है. धनबाद प्रमंडल में अब तक 12000 रजिस्टर्ड डीलरों ने जीएसटी में माइग्रेट किया है. जबकि एक जुलाई से अब तक 2053 नये प्रतिष्ठानों ने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराया है.
जो व्यवसायी निबंधन योग्य हैं, वे जीएसटी में निबंधन करा लें. जो व्यवसायी टैक्स इंवाइस नहीं काट रहे हैं, वे अविलंब टैक्स इंवाइस निर्गत करें अन्यथा कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
वीके दुबे, संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर
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