हार्ट अटैक के बाद बलराम को पहले जोड़ाफाटक स्थित पाटलिपुत्र नर्सिंग होम लाया गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां से मरीज को एशियन जालान रेफर कर दिया गया. परिजन एंबुलेस लेकर बरटांड़ के लिए निकले. लेकिन बिरसा मुंडा चौक (बैंक मोड़) के जाम में फंस गये. एंबुलेंस में बैठी पत्नी आभा प्रसाद बदहवास हो गयी. मौत की सूचना पर आसपास के लोग भी आ गये. बलराम निजी बिजली मिस्त्री थे.
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हार्ट अटैक के बाद अस्पताल ले जाने के दौरान बैंक मोड़ में फंस गयी एंबुलेंस, सड़क जाम में गयी मरीज की जान
धनबाद : अगर बैंक मोड़ में जाम नहीं होता तो शायद डिगवाडीह निवासी बलराम प्रसाद (52) की जान बच सकती थी. हार्ट अटैक के बाद सोमवार को अपराह्न चार बजे के लगभग उन्हें बरटांड़ एशियन जालान अस्पताल ले जाया जा रहा था. किंतु उनका कीमती दस मिनट बैंक मोड़ ओवरब्रिज के जाम में ही निकल […]
धनबाद : अगर बैंक मोड़ में जाम नहीं होता तो शायद डिगवाडीह निवासी बलराम प्रसाद (52) की जान बच सकती थी. हार्ट अटैक के बाद सोमवार को अपराह्न चार बजे के लगभग उन्हें बरटांड़ एशियन जालान अस्पताल ले जाया जा रहा था. किंतु उनका कीमती दस मिनट बैंक मोड़ ओवरब्रिज के जाम में ही निकल गया. जिस एंबुलेंस से उन्हें ले जाया जा रहा था वह जाम में फंस गयी. मरीज की मौत के बाद एंबुलेंस वहीं से लौट गयी.
हार्ट अटैक के बाद बलराम को पहले जोड़ाफाटक स्थित पाटलिपुत्र नर्सिंग होम लाया गया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वहां से मरीज को एशियन जालान रेफर कर दिया गया. परिजन एंबुलेस लेकर बरटांड़ के लिए निकले. लेकिन बिरसा मुंडा चौक (बैंक मोड़) के जाम में फंस गये. एंबुलेंस में बैठी पत्नी आभा प्रसाद बदहवास हो गयी. मौत की सूचना पर आसपास के लोग भी आ गये. बलराम निजी बिजली मिस्त्री थे.
रास्ते से लौटी एंबुलेंस : बलराम की सांसें बंद होने के बाद एंबुलेंस को वापस पाटलिपुत्र नर्सिंग होम ले जाया गया. यहां पर जांच कर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. चिकित्सकों ने बताया कि हार्ट पेन के कारण बीपी फॉल कर गया था. यहां से पत्नी आभा प्रसाद व उनके साथ आयी एक अन्य महिला उसी एंबुलेंस से शव को डिगवाडीह स्थित घर चले गये.
चार दिनों से थी तबीयत खराब : पत्नी ने बताया कि चार दिनों से पति की तबीयत खराब थी. सीने में दर्द हो रहा था. पहले तो गैस होने की बात कही जा रही थी. लेकिन सोमवार को शाम तीन बजे उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गयी. बेसुध होने लगे. इसके बाद वाहन से पाटलिपुत्र नर्सिंग होम ले गये. यहां से एशियन जालान रेफर कर दिया गया. पाटलिपुत्र के डॉक्टरों का कहना था कि उनके यहां कोई काॅर्डियोलॉजिस्ट नहीं है.
किस वर्ष कितने हादसे
वर्ष दुर्घटना मृतकों की सं.
2012 585 233
2013 484 223
2014 486 222
2015 612 206
2016 629 232
कितनी गाड़ी किस वर्ष खरीदी गयी
वर्ष बाइक तीन पहिया जीप कार ट्रक बस टैक्सी ट्रैक्टर
2012-13 32445 1788 921 4535 859 49 488 465
2013-14 33717 1915 1138 3989 991 33 525 695
2014-15 31857 2310 1156 4578 1163 29 610 795
2015 -16 29653 1921 1072 4915 985 51 360 920
2016-17 20886 1535 730 3850 995 48 302 631
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