धनबाद: जेल में बंद बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो की ओर से दायर क्रिमिनल रीविजन पिटिशन की सुनवाई मंगलवार को प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश गौतम कुमार चौधरी की अदालत में हुई. उभय पक्षों की बहस सुनने के बाद पिटिशन खारिज कर दी गयी.
अब निचली अदालत में आरोप गठन तीन अप्रैल को होगा. बचाव पक्ष से ललन किशोर प्रसाद व अभियोजन से लोक अभियोजक दिग्विजय मणि त्रिपाठी ने अपना पक्ष रखा. ढुल्लू महतो ने सात फरवरी 14 को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आरोप गठन के विरुद्ध डिस्चार्ज पिटिशन दायर कर अपने पर लगे आरोपों से मुक्त करने की अपील की थी.
18 फरवरी को निचली अदालत ने अपील को खारिज कर आरोप गठन की तिथि 26 फरवरी मुकर्रर की थी. उसके बाद ढुल्लू ने निचली अदालत के आदेश को ऊपरी अदालत में चुनौती दी. नौ जुलाई 13 को ढुल्लू ने अदालत में सरेंडर किया था. उसी वक्त से वह न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं. 12 मई 13 को आरोपियों ने राजेश गुप्ता के निचितपुर आवास में उसे पुलिस कस्टडी से छुड़ा लिया था. यह मामला क्रिमिनल रीविजन संख्या 272/14 से संबंधित है.
आइएसएम के डिप्टी रजिस्ट्रार का बयान दर्ज
एफसीआइ सिंदरी के कर्मचारियों को अधिक राशि भुगतान कर कंपनी को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के मामले की सुनवाई मंगलवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश निकेश कुमार सिन्हा की अदालत में हुई. साक्षी आइएसएम के डिप्टी रजिस्ट्रार वाइकेपी मूर्ति ने अपना बयान कलमबद्ध कराया. उन्होंने अदालत को बताया कि जनवरी 1990 से अगस्त 97 तक वह एफसीआइ सिंदरी उप वित्त प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. स्पेशल ऑडिट रिपोर्ट बनाने के दौरान पता चला कि कर्मचारियों ने दस लाख, दो हजार रुपये कंपनी से अधिक राशि भुगतान करा लिया. इस मामले की जांच सीबीआइ ने की. 18 मार्च 99 को सीबीआइ ने गोपाल सिंह, अवधेश्वर नाथ दुबे, नंदू दुबे, एसएस झा, आरबी सिंह, बीपी कनौजिया, केसी कर्मकार, प्रशांत कुमार चौधरी, नागेश्वर सिंह, विनय भूषण प्रसाद सिन्हा, बृज किशोर प्रसाद व उदबीर सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की. केस के आइओ सीबीआइ इंस्पेक्टर पीके झा ने 28 दिसंबर 01 को आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. यह मामला आरसी केस नंबर 01/99 डी से संबंधित है.