इसका असर कंपनी की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ रहा है. ट्रांसपोर्टिंग बढ़ा कर डिस्पैच की भरपाई की जा रही है. सीएमडी ने कहा कि बीसीसीएल के पास 8000 मिलियन टन कोयला रिजर्व है, जो कंपनी के लिए पर्याप्त है. इसे 100 सालों तक निकाला जा सकता है.
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नागरिकों की सुरक्षा है प्राथमिकता : सीएमडी
धनबाद: बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि लोगों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है न कि कोयला निकालना. भूमिगत आग के कारण डीसी रेलवे लाइन को खतरा है. इसे सुरक्षित करने के लिए ही ट्रैक के नीचे से कोयला निकालना है. रेलवे ट्रैक से सटे इलाके से कोयला काट कर लाइन को आग […]
धनबाद: बीसीसीएल के सीएमडी गोपाल सिंह ने कहा कि लोगों की सुरक्षा उनकी पहली प्राथमिकता है न कि कोयला निकालना. भूमिगत आग के कारण डीसी रेलवे लाइन को खतरा है. इसे सुरक्षित करने के लिए ही ट्रैक के नीचे से कोयला निकालना है. रेलवे ट्रैक से सटे इलाके से कोयला काट कर लाइन को आग से सुरक्षित करना है, ताकि फिर से उक्त लाइन पर ट्रेनों का परिचालन हो सके और लोग सुचारू व सुरक्षित आवागमन कर सकें. श्री सिंह सोमवार को प्रभात खबर से बात कर रहे थे.
आर्थिक स्थिति ठीक नहीं : उन्होंने कहा कि धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन बंदी से सबसे अधिक नुकसान बीसीसीएल को ही हुआ है. कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, ऐसे में रेलवे लाइन की बंदी से कंपनी की सात रेलवे साइडिंग से कोयला का डिस्पैच ठप हो गया है. इस कारण कंपनी के पास पांच मिलियन टन से अधिक कोयला का स्टॉक हो गया है.
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