उन्होंने उपस्थित महिला संगत को अल्पसंख्यक समुदाय के लाभ के बारे में जानकारी दी. इस दौरान सिख समुदाय के युवा प्रतिनिधि सतपाल सिंह उर्फ बिट्टू ने विभिन्न समस्या से अवगत कराया. कहा कि सिख युवकों का जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाने परेशानी बढ़ी है.
शिक्षा ग्रहण करने के बाद सरकारी नौकरी से वंचित होना पड़ रहा है. सतपाल सिंह ब्रोका ने एक ज्ञापन सौंपा. उसमें सिख पिछड़ी जाति को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने, झारखंड सरकार की शिक्षा में पंजाबी भाषा को लागू करने, सभी गुरुद्वारों में दो दो शिक्षकों की नियुक्ति करने, वृद्ध महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने, सिख परिवार को चिह्नित कर बीपीएल सूची में डालने, वृद्धापेंशन, विकलांगता प्रमाण पत्र देने व चार नंबर में सामुदायिक भवन बनाने आदि की मांग की गयी. मौके पर गुरुद्वारा के प्रधान गुलजार सिंह, गुरुज्ञान सिंह, राजू सिंह, गोल्डी सिंह, स्त्री संगत में निकी कौर, सुरेंद्र कौर, अमरजीत कौर, परमजीत कौर, चिरो कौर, गुरमीत कौर, लक्ष्मी मंजीत कौर, निर्मल कौर, सुरजीत कौर आदि थे.