धनबाद: पीठासीन पदाधिकारी पद से सभी बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को हटा दिया गया है. उनकी जगह अब नये सिरे से पीठासीन पदाधिकारी की नियुक्ति की जा रही है. जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग ने किसी भी बीएलओ को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाने का आदेश जारी किया है. आयोग के इस आदेश से जिला प्रशासन के समक्ष नयी परेशानी पैदा हो गयी है.
धनबाद जिले में कुल 2147 मतदान केंद्र है. अधिकांश मतदान केंद्रों पर स्कूली शिक्षक जो बीएलओ के रूप में कार्य कर रहे हैं को ही लगाया गया था. इन्हें पहले चरण का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. आयोग के निर्देश के बाद कार्मिक कोषांग में गुरुवार से एक बार फिर पीठासीन पदाधिकारियों के लिए अधिकारियों एवं कर्मियों की तलाश शुरू हो गयी है.
दो हजार पारा शिक्षक लगेंगे
कार्मिक कोषांग के नोडल पदाधिकारी सह एडीएम (लॉ एंड ऑर्डर) बीपीएल दास के अनुसार पीठासीन पदाधिकारी के रूप में काबिल अधिकारियों एवं कर्मियों को लगाया जा रहा है. शिक्षा विभाग से पारा शिक्षकों की सूची मंगायी गयी है. दो हजार पारा शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में लगाया जायेगा. पारा शिक्षकों को पीठासीन पदाधिकारी नहीं बनाया जायेगा. उन्हें दूसरे कार्य में लगाया जायेगा. इवीएम सेल में भी बड़ी संख्या में पारा शिक्षकों को लगाया जा रहा है.
मतदान केंद्रों पर रहेंगे बीएलओ
चुनाव आयोग के निर्देश पर सभी बीएलओ को मतदान के दिन संबंधित मतदान केंद्र पर तैनात रहने को कहा गया है. बीएलओ को मतदाताओं एवं चुनाव ड्यूटी पर लगने वाले कर्मियों की सहायता करेंगे. इसके साथ ही मतदाताओं तक फोटोयुक्त वोटर लिस्ट पहुंचाने की जिम्मेवारी भी बीएलओ को दी जायेगी. दूसरी तरफ, उपायुक्त प्रशांत कुमार ने चुनाव ड्यूटी में तैनात पीठासीन पदाधिकारी सहित सभी कर्मियों को लेमिनेटेड पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया है.