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डॉ मीतू सिन्हा को वर्ल्ड एजुकेशनल एक्सिलेंस अवार्ड
धनबाद: जयप्रकाश नगर निवासी डॉ मीतू सिन्हा को वर्ल्ड एचीवर्स फाउंडेशन की ओर से वर्ल्ड एजुकेशनल एक्सेलेंस अवार्ड 2017 से सम्मानित किया गया है. मुंबई में 25 जून को आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें शील्ड एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया. यह अवार्ड उन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में शोध जैसे योगदान के लिए दिया गया है. […]
धनबाद: जयप्रकाश नगर निवासी डॉ मीतू सिन्हा को वर्ल्ड एचीवर्स फाउंडेशन की ओर से वर्ल्ड एजुकेशनल एक्सेलेंस अवार्ड 2017 से सम्मानित किया गया है. मुंबई में 25 जून को आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें शील्ड एवं प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया. यह अवार्ड उन्हें पर्यावरण के क्षेत्र में शोध जैसे योगदान के लिए दिया गया है. इससे संबंधित उनके कई शोध-पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. इसी साल डॉ सिन्हा को दो अन्य अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है.
डॉ सिन्हा झारखंड शिक्षा परियोजना, धनबाद में सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं. डॉ सिन्हा हजारीबाग, धनबाद आदि शहरों में ध्वनि प्रदूषण पर शोध कर चुकी हैं. डॉ सिन्हा ने 10वीं तक की पढ़ाई कार्मेल स्कूल रांची, इंटर वीमेंस कॉलेज रांची, 2002 में स्नातक व 2005 में स्नातकोत्तर रांची रांची विवि से उत्तीर्ण की. इसके बाद विभावि हजारीबाग से 2013 में पीएचडी की उपाधि ली.
परिवार से मिली प्रेरणा
डॉ सिन्हा बताती हैं कि कुछ नया करने की प्रेरणा उन्हें अपने परिवार से मिली है. पिता अजय प्रकाश सिन्हा इलेक्ट्रिक इक्यूपमेंट फैक्टरी, रांची से अकाउंट्स ऑफिसर के पद से सेवानिवृत्त हो चुके हैं. जबकि मां शोभा सिन्हा गृहिणी हैं. पति रूपेश कुमार सिन्हा झारखंड सेवा में हैं और पलामू में एग्जिक्यूटिव मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं. एक बेटा रमित डी-नोबिली, सीएमआरआइ में यूकेजी में पढ़ता है.
यह अवार्ड भी मिले : इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इनवायरमेंटल इकोलॉजी, कोलकाता की ओर इनवायरमेंटलिस्ट ऑफ द इयर 2016 के अवार्ड से 27 मार्च को एवं इनवायरमेंटल बायोलॉजिस्ट ऑफ द इयर 2017 से साइंटिफिक एंड इनवायरमेंटल रिसर्च इंस्टीट्यूट, दिल्ली की ओर से पांच जून को सम्मानित किया गया था. इस तरह इस साल में अबतक तीन अवार्ड उन्हें मिल चुके हैं. डॉ सिन्हा पर्यावरण पर कई कविताएं एवं लेख भी लिख चुकी हैं.
धनबाद का ध्वनि प्रदूषण का औसत स्तर (डॉ मीतू के शोध)
स्थान नॉयज लेवल (डीबी) तापमान नमी वाहनों की संख्या
सिंफर, धनबाद 81.5 31 29 64
रेलवे स्टेशन 79.8 31 28 55
हीरापुर 78.9 31.5 29 53
हाउसिंग कॉलोनी 68.7 30.5 27 25
जगजीवन नगर 67.9 30 26 21
जयप्रकाश नगर 66.1 30.6 26.5 18
दो वर्गों में बांटा क्षेत्र : शोध के लिए डॉ मीतू ने सभी क्षेत्रों को दो वर्गों में बांटा था, जिसमें एक कॉमर्शियल एवं दूसरा रेसिडेंशियल था. कॉमर्शियल में सिंफर (बरटांड़), रेलवे स्टेशन एवं हीरापुर को शामिल किया एवं रेसिडेंशियल में हाउसिंग कॉलोनी, जयप्रकाश नगर एवं जगजीवन नगर शामिल था. डिजिटल साउंड लेवल मीटर से सुबह-शाम एवं दोपहर व रात में ध्वनि को मापा गया. इसमें सुबह 9:30, दोपहर 12:30, शाम 5:30 एवं रात्रि 9:30 बजे समय शामिल था.
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