21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पहले व्यवस्था सुधारें, फिर बढ़ायें दर

धनबाद के उपभोक्ताओं ने जताया बिजली दर में वृद्धि पर विरोध धनबाद : एक जुलाई से घरेलू बिजली दर में 25 प्रतिशत वृद्धि के झारखंड बिजली नियामक आयोग के फैसले का विरोध हो रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि ऊर्जा विभाग पहले अपनी व्यवस्था सुधारे, फिर दर में वृद्धि करे. धनबाद में अभी पांच […]

धनबाद के उपभोक्ताओं ने जताया बिजली दर में वृद्धि पर विरोध

धनबाद : एक जुलाई से घरेलू बिजली दर में 25 प्रतिशत वृद्धि के झारखंड बिजली नियामक आयोग के फैसले का विरोध हो रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि ऊर्जा विभाग पहले अपनी व्यवस्था सुधारे, फिर दर में वृद्धि करे. धनबाद में अभी पांच से 10 घंटे तक बिजली नहीं रहती है, ऐसे में वृद्धि कहीं से उचित नहीं है. गृहिणियां भी काफी खफा हैं. क्योंकि लंबे समय से बिजली-पानी संकट वह झेल रही हैं.
चेंबर ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र: बैंक मोड़ चेंबर सचिव प्रभात सुरोलिया ने जनहित में बिजली दर में वृद्धि वापस लेने की मांग की है.
मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने कहा है कि पिछले दिनों झारखंड विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई में एक स्वर से प्रस्तावित वृद्धि का विरोध किया गया था. क्योंकि बिजली विभाग द्वारा रोजाना 5 से 7 घंटे बिजली काटी जाती है, जिसके कारण जेनेरेटर में हजारों रुपये का डीजल बर्बाद होता है. अगर इसे जोड़ा जाये तो बिजली बहुत महंगी पड़ती है. ऐसे में बिजली दर बढ़ाना कहीं से न्यायसंगत नहीं है.
गरमी हो या बरसात यहां की बिजली व्यवस्स्था चरमरा जाती है. विभाग को चाहिए कि पहले अपनी व्यवस्था सुधारे फिर नयी दर से बिजली बिल ले. हमे कोई आपत्ति नहीं होगी.
दिव्या भगत, हाउसिंग कॉलोनी.
हमलोग ऊर्जा विभाग में बिल जमा करते हैं तो बिजली देना भी उसी का दायित्व है. वह 24 घंटे में 22 घंटे बिजली दे, फिर बिजली दर बढ़ाये.
अनु वत्स, बाबूडीह
काफी दिनों से सुन रही हूं कि हाउसिंग कॉलोनी में पावर सब स्टेशन बनने वाला है. पहले निर्बाध बिजली मिले, फिर नये टैरिफ लागू करें.
शैल देवी, हाउसिंग कॉलोनी.
पड़ोसी राज्य में बिजली दर अधिक है. लेकिन वहां 10 मिनट के लिए भी बिजली नहीं कटती है. ऐसी ही व्यवस्था यहां विभाग करे.
दिपाली त्रिवेदी, रानी बांध
झारखंड में कई सालों से बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं हुई थी. बोर्ड मुख्यालय की ओर से आयोग में अपील की गयी थी. इसके लिए जगह-जगह जनसुनवाई भी हुई. दोनों पक्षों की बातें सुनने के बाद आयोग का निर्णय आया है. जहां तक सुधार की बात है, उसके लिए काम शुरू हो गया है. 152 करोड़ की एक योजना शुरू हो गयी है. और भी कई योजनाएं शुरू होने वाली है. पूरा ढ़ांचा बदला जा रहा है, आने वाले एक-दो साल में यह दिखेगा. बोर्ड के सरवाइव के लिए यह जरूरी समझा गया.
सुभाष कुमार सिंह, महाप्रबंधक, ऊर्जा विभाग.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें