नगर आयुक्त मनोज कुमार ने बताया कि ए टू जेड व नगर निगम का मामला आर्बिट्रेशन में चल रहा है. ए टू जेड ने 77 करोड़ तथा नगर निगम ने एक करोड़ 65 लाख का दावा किया है. लंबे समय से कोर्ट में मामला चलने के कारण 4.71 करोड़ की गाड़ियां खड़ी-खड़ी सड़ रही हैं. गुरुवार को निगम की ओर से कहा गया कि चूंकि वाहन खरीदने के लिए निगम ने ए टू जेड को 4.71 करोड़ रुपये दिये थे.
ए टू जेड ने निगम के नाम से गाड़ी न खरीद कर अपने नाम से खरीद ली. निगम के नाम से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ए टू जेड को नोटिस दिया गया था. इसी बीच ए टू जेड व निगम में विवाद हो गया. जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आता है, निगम को ए टू जेड की गाड़ियों को चलाने की अनुमति दी जाये.