अगर कपड़ों पर जीएसटी लगता है तो व्यापार करना कठिन होगा. सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करते हुए इसे वापस लेना चाहिए. बैठक में ओमप्रकाश खंडेलवाल, सुभाष चौधरी, रमेश कुमार नारनोली, राजू भाई सेठिया, सुभाष भुवानिया, अमित अग्रवाल, राजेश खंडेलवाल, सुशील अग्रवाल, श्रीकांत अग्रवाल, घनश्याम चौधरी आदि उपस्थित थे.
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जीएसटी के विरोध में कल बंद रहेंगी कपड़ा दुकानें
धनबाद/पुटकी. धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ की बैठक मंगलवार को करकेंद मोड़ स्थित संघ भवन में हुई. बैठक में करकेंद के अलावा महुदा, धनबाद व हीरापुर के कपड़ा व्यवसायी मौजूद थे. बैठक में मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा कपड़ों पर लगाये जाने वाले जीएसटी के विरोध में 15 जून को प्रतिष्ठानें बंद रखने […]
धनबाद/पुटकी. धनबाद जिला थोक वस्त्र विक्रेता संघ की बैठक मंगलवार को करकेंद मोड़ स्थित संघ भवन में हुई. बैठक में करकेंद के अलावा महुदा, धनबाद व हीरापुर के कपड़ा व्यवसायी मौजूद थे. बैठक में मुख्य रूप से केंद्र सरकार द्वारा कपड़ों पर लगाये जाने वाले जीएसटी के विरोध में 15 जून को प्रतिष्ठानें बंद रखने का निर्णय लिया गया. संघ के जिलाध्यक्ष उमेश हेलीवाल व मंत्री आजाद कृष्ण अग्रवाल ने बताया कि कपड़े में जीएसटी कपड़ा व्यवसाय के लिए घातक है.
झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ के बैनर तले पूरे झारखंड की कपड़ा दुकानें बंद रहेंगी. एक अनुमान के अनुसार एक दिन में झारखंड में लगभग 100 करोड़ रुपये का कारोबार होता है. दुकानें बंद रहने के कारण कारोबार पूरी तरह से प्रभावित होगा.
दो करोड़ लोग होंगे प्रभावित : कपड़े पर जीएसटी लगाये जाने से सीधी तौर पर दो करोड़ से अधिक लोग प्रभावित होंगे. व्यवसायियों ने कहा कि वस्त्र का निर्माण कई चरणाें में होता है. वस्त्र को तैयार करने की प्रक्रिया कई हाथों से गुजर कर यह बाजार में बिकने की स्थिति में पहुंचता है. इस श्रेणी में सूटिंग-शर्टिंग, साड़ी, कंबल, तौलिया, बेडशीट, परदा आदि सामान आते हैं.
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