विभाग कह रहा मुआवजे का प्रावधान नहीं, हराधन काट रहा चक्कर
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52 डिसमिल का मुआवजा महज 423 रुपये!
विभाग कह रहा मुआवजे का प्रावधान नहीं, हराधन काट रहा चक्कर पिता ने दी थी बिजली विभाग के कार्यालय के लिए जमीन जमीन का खजाना भी दे रहे रैयत हराधन ने लगाया विभाग पर मुकरने का आरोप हराधन नेे की सरकारी नौकरी की मांग सारठ : जमीन देने के एवज में मुआवजे के लिए आवाज […]
पिता ने दी थी बिजली विभाग के कार्यालय के लिए जमीन
जमीन का खजाना भी दे रहे रैयत
हराधन ने लगाया विभाग पर मुकरने का आरोप
हराधन नेे की सरकारी नौकरी की मांग
सारठ : जमीन देने के एवज में मुआवजे के लिए आवाज उठती रहती है. कई बार विभाग पर मुआवजा देने की बात कहकर मुकरने का भी आरोप विस्थापित या जमीन मालिक लगाते रहे हैं. सारठ निवासी हराधन साह भी मुआवजे के लिए कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं.
हराधन का कहना है कि आज जिस जगह पर बिजली विभाग का अनुमंडीलय कार्यालय बनाया गया है वह जमीन उनके पिताजी तुलसी साह ने विभाग को दी. लेकिन विभाग ने मुआवजे के नाम पर महज 423 रुपये थमा दिये. उन्होंने कहा कि उनकी जमीन जिसका जमाबंदी 78, दाग नंबर 1302 व रकवा 2.30 एकड़ है. इसी रकवा के 52 डिसमिल पर बिजली विभाग ने अपना अनुमंडीलय कार्यालय बनाया. कार्यालय बनाने पहले विभाग ने मुआवजा के साथ सरकारी नौकरी की मांग पर आश्वासन भी दिया.
हराधन का कहना है कि कार्यालय बनने के बाद काफी प्रयास के बाद विभाग ने वर्ष 1959-60 में मुआवजा तो दिया वह भी केवल 423 रुपये. लेकिन नौकरी के नाम पर विभाग टहलाता रहा. तुलसी साह के पुत्र हराधन साह ने कई बार नौकरी की मांग के लिए विभाग से किया. लेकिन उनकी मांगें अनसुनी कर दी गयी.
कहते हैं इइ
हमारे यहां जिस भी जमीन पर कार्यालय बनता है वह दान लेकर या सरकारी जमीन पर बनता है. हमारे यहां मुआवजे का प्रावधान नहीं है.
रामउदगार महतो, अधीक्षण अभियंता
कृषि मंत्री ने कहा
हमारे क्षेत्र के किसी गरीब का जमीन विभाग लेकर मुआवजा नहीं दिया तो विभागीय सचिव को निर्देश देंगे व कार्रवाई के लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखेंगे.
रणधीर सिंह, कृषि मंत्री
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