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पांच लोगों को अदालत ने हत्या के प्रयास का पाया दोषी, आरोपितों को पांच साल की सजा
देवघर: हत्या के प्रयास मामले में सेशन ट्रायल नंबर 277/2008 के पांच आरोपित लक्ष्मण मरीक, बुधन मरीक, पलटू मरीक, सुरेश मरीक व योगेश मरीक को दोषी पाकर पांच-पांच साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. जुर्माना की राशि देने में अगर आरोपित विफल रहेंगे तो अलग […]
देवघर: हत्या के प्रयास मामले में सेशन ट्रायल नंबर 277/2008 के पांच आरोपित लक्ष्मण मरीक, बुधन मरीक, पलटू मरीक, सुरेश मरीक व योगेश मरीक को दोषी पाकर पांच-पांच साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक को पांच-पांच हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. जुर्माना की राशि देने में अगर आरोपित विफल रहेंगे तो अलग से तीन माह की सजा काटनी होगी.
सभी आरोपित जसीडीह थाना के विशनपुरा गांव के रहनेवाले हैं. यह मामला आरोपितों के रिश्तेदार रामचंद्र यादव ने जसीडीह थाना में दो अगस्त 2007 को दर्ज कराया था. अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक सुरनाथ तिवारी की ओर से कुल छह गवाह प्रस्तुत किये गये व दोष सिद्ध करने में सफल रहे. बचाव पक्ष से अधिवक्ता रामदेव दास थे. आरोपितों को भादवि की धारा 148 में दोषी पाकर एक साल, 324 में दो साल व धारा 307 में पांच साल की सश्रम सजा दी गयी. धारा 341 व 323 में भी दोषी पाया गया पर अलग से कोई सजा नहीं दी गयी. सभी सजाएं एक साथ चलेगी.
क्या था मामला
जसीडीह थाना के विशनपुरा गांव में अपने सास-ससुर की जमीन पर रामचंद्र यादव रह रहे थे. आरोपित उनके अपने रिश्तेदार हैं जिनसे जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. परिवादी खेत जोत रहे थे तो आराेपितों ने हरवे-हथियार से लैस होकर हमला बोला व टांगी के प्रहार से कई लोगों को जख्मी कर दिया. इस घटना के संबंध में जसीडीह थाना कांड संख्या 199/2007 दर्ज हुआ जिसमें उपरोक्त सभी लोगों को आरोपित बनाया गया. अनुसंधान के बाद आरोपितों के विरुद्ध पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया गया. पश्चात मामला सेशन कोर्ट ट्रायल के लिए भेजा गया जहां पर दोनों पक्षाें की बहस सुनने के बाद उक्त सजा दी गयी.
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