सरदार पंडा बने अजीतानंद ओझा के वंशजों द्वारा 18 जनवरी को ताजपोशी के लिए प्रस्तावित तिथि की जानकारी श्राइन बोर्ड के सीइओ से लेकर अध्यक्ष को पत्र लिखकर दी गयी थी. बावजूद अबतक सरकार द्वारा ताजपाेशी को लेकर किसी भी तरह की गंभीरता नहीं दिखायी जा रही है. न ही स्थानीय प्रशासन से लेकर अन्य जानकार लोग इस संबंध में कोई बात करना चाह रहे हैं.
इस बारे में जब श्राइन बोर्ड के उपाध्यक्ष सह सरकार के पर्यटन मंत्री अमर बाउरी से पूछा गया कि तो उन्होंने मंदिर महंत की ताजपोशी से लेकर कोर्ट द्वारा अजीतानंद ओझा के पक्ष में आये फैसले की जानकारी से ही अपनी अभिज्ञता जता दी. साथ ही मंत्री ने कहा कि वे अभी विभागीय काम की वजह से राज्य से बाहर हैं, लौटने पर अपने विभाग से विस्तार रुप से जानकरी लेने के बाद मामले को देखेंगे.