व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं परन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रूप में जीवित रहते हैं. सांसद ने कहा कि यह मेला कैसे और वृहत स्वरूप ले, कैसे यह जयपुर लिटरेचर फेयर की तरह बड़ा मेला हो. देवघर में इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर स्वीकृत है. इसके लिए जमीन चिन्हित हो गया है. जल्द ही यह पुस्तक मेला कन्वेंशन सेंटर में ही होगा.
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देवघर पुस्तक मेला का शुभारंभ: हमें संस्कार देती है पुस्तकें
देवघर: मेला व संस्कृति से जुड़ा शहर देवघर है. पुस्तकें हमें संस्कारित करती है, इसलिए पुस्तक के साथ कैसे आगे बढ़ना है, यह सीख हमें पुस्तक मेले से लेकर जाना चाहिए. उक्त बातें गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पुस्तक मेले के उदघाटन के उपरांत कही. उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला पाठकों और लेखकों के संगम […]
देवघर: मेला व संस्कृति से जुड़ा शहर देवघर है. पुस्तकें हमें संस्कारित करती है, इसलिए पुस्तक के साथ कैसे आगे बढ़ना है, यह सीख हमें पुस्तक मेले से लेकर जाना चाहिए. उक्त बातें गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने पुस्तक मेले के उदघाटन के उपरांत कही. उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला पाठकों और लेखकों के संगम होते हैं. पुस्तकें अनमोल हैं.
मेले में ये थे मंचासीन: डिप्टी मेयर नीतू देवी, एसडीओ सुधीर गुप्ता, विश्व भारती शांति निकेतन के प्राध्यापक रामचंद्र राय, मोती लाल द्वारी, डॉ संजय कुमार, डॉ सुभाष चौधरी, डॉ एनडी मिश्रा, दिल्ली से नीरज जी, मुंबई से विपिन ईश्वर, एसएन मालवीय, प्रो रामनंदन सिंह, मीडिया प्रभारी पवन टमकोरिया आदि मौजूद थे. समारोह में दो स्त्री शक्ति को भाषा सेतु सम्मान दिया गया. सांसद ने त्रिपुरा की डॉ मिलन रानी को वहीं पूर्व मंत्री केएन झा व विधायक नारायण दास ने भागलपुर की साहित्यकार डॉ सुजाता चौधरी को सम्मानित किया.
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