ज्ञानमूलक समाज का सृजन तभी सार्थक होगा, जब समाज में परिवर्तन को अपनाने की क्षमता विकसित होगी. उन्होंने कहा विश्वविद्यालय नयी परिस्थतियों में अपनी रणनीति में मौलिक बदलाव में प्रयासरत है.
उन्होंने कहा कि नये प्रोफेशनल पाठ्यक्रम जैसे एमबीए-एमसीए के अलावा भूगोल, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान एवं वाणिज्य में स्नातकोत्तर स्तरीय पाठ्यक्रम की शुरुआत की गयी है. जल्द से जल्द बाॅयोटेक्नालॉजी, इनवायरमेंटल साइंस, बाॅयोकेमिस्ट्री तथा इलेक्ट्रानिक्स की भी पढ़ायी स्ववित्त पोषित योजना के आधार पर प्रारंभ की जायेगी. वीसी ने कहा कि दो अकादमिक ब्लॉक, प्रशासनिक भवन, पुस्तकालय, बहुउद्देशीय भवन, विधि संकाय, शिक्षा संकाय तथा खेल परिसर का निर्माण प्रारंभ हो चुका है या होने को है.