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10 माह में डायन प्रताड़ना के 36 मामले

देवघर: आधुनिक समाज में शिक्षा का ग्राफ बढ़ने के बाद भी दकियनुसी विचार व अंधविश्वास से समाज मुक्त नहीं हो पा रहा है. डायन, जादू-टोना, ओझा-गुणी आदि प्रभाव अब भी घटा नहीं है. मानवता का सबसे निकृष्ट नमूना डायन के संदेह में मैला पिलाना है. कुछ जगहों पर जहां शिक्षा की कमी है, वहां अाज […]

देवघर: आधुनिक समाज में शिक्षा का ग्राफ बढ़ने के बाद भी दकियनुसी विचार व अंधविश्वास से समाज मुक्त नहीं हो पा रहा है. डायन, जादू-टोना, ओझा-गुणी आदि प्रभाव अब भी घटा नहीं है. मानवता का सबसे निकृष्ट नमूना डायन के संदेह में मैला पिलाना है. कुछ जगहों पर जहां शिक्षा की कमी है, वहां अाज भी अंधविश्वास की जड़ें काफी गहरी हैं. ऐसे में देवघर जिले की बात करें तो विभिन्न थाना क्षेत्रों में डायन प्रताड़ना की घटनाओं को लेकर वर्ष 2016 के 10 माह में करीब 36 मामले न्यायालय तक पहुंचे हैं.

इस अनुसार, हर माह तीन से भी अधिक मुकदमे दर्ज हो रहे हैं. इसमें डायन के संदेह में मैला पिलाने, सलाखों से दागने, मारपीट करने, गांव छोड़कर अन्यत्र जाने को मजबूर करने आदि के मामले हैं. जबकि वर्ष 2015 में 12 महिने के दौरान करीब 32 मामले कोर्ट पहुंचे थे. इन घटना में ज्यादार विधवाओं पर कहर बरपाने का मामला सामने आते हैं. इधर, जिस प्रकार महिलाओं को प्रताड़ना से रोकने के लिए अलग कानून बनाये गये हैं, उसी प्रकार डायन कहने व मैला पिलाने पर रोकने के लिए डायन प्रतिषेध अधिनियम बने हैं. यह गैर जमानती होता है. सजा व जुर्माना का प्रावधान है. इसके बावजूद यह अमानवीय कार्य थम नहीं रहा है जो अाधुनिक समाज के लिए कलंक है.

किस माह में दर्ज हुए कितने मामले
जनवरी 4
फरवरी 3
मार्च 3
अप्रैल 5
मई 5
जून 3
जुलाई 4
अगस्त 3
सितंबर 3
अक्तूबर 3
कुल 36 मामले
केस स्टडी – एक
जसीडीह थाना क्षेत्र के दोरही गांव की एक महिला है. इन्होंने गांव के राजेश पंडित समेत छह लोगों को आरोपित करते हुए कोर्ट में पीसीआर संख्या 132/16 दर्ज कराया है. विवाद जमीन का है, लेकिन डायन कह कर महिला को पीटा एवं मैला पिला दिया. घटनाक्रम में अभद्रता करने की बात की भी पुष्टि की है. यह केस विचाराधीन है.
केस स्टडी-दो
देवीपुर थाना के नारायणबांधी गांव की एक महिला है. इनके बयान पर देवीपुर थाना में एफआइआर कांड संख्या 31/16 दर्ज हुआ है. इसमें गांव के गणेश दास, सुबाेध दास समेत सात लोगों को आरोपित बनाया है. महिला ने खुलासा की है कि आरोपिताें ने महिला को डायन के संदेह में बेरहमी से पीटा एवं अश्लील हरकतें कर दी. मामले का अनुसंधान जारी है.
केस स्टडी – तीन
सारवां थाना भी इससे अछूता नहीं है. इस थाना के उपजमनी गांव की रहने वाली एक महिला ने डायन के संदेह में उनके बच्चों के सामनेे ही जलील करने तथा मैला पिलाने का खुलासा की है. इन्होंने कोर्ट में पीसीआर संख्य 315/16 दाखिल किया है जिसमें गांव के कांग्रेस दास समेत छह लोगों को आरोपित किया है. इस केस का विचारण एसडीजेएम देवघर की अदालत में चल रहा है.
केस स्टडी –चार
मोहनपुर थाना के बरमसिया कारीझांक गांव की एक महिला है. इन्होंने गांव के बाबू राम मरांडी समेत पांच लोगों पर डायन कहने,मारपीट करने व मैला पिलाने का खुलासा की है. न्यायालय में 779/16 दर्ज कर लिया गया है. कहा है कि ओझा गुणी के चक्कर में आरोपितों ने इस अमानवीय घटना को अंजाम दिया है. इस मामले में गवाह चल रहा है.
झूठला रहे हैं जागरूकता के दावे
सरकार की ओर से कई जागरूकता कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. जिले में एक माह का कार्यक्रम डायन उन्मूलन को लेकर चलाया गया, लेकिन शायद यह उतना प्रभावी नहीं हो सका. कई संगठनों, एनजीओ व डालसा द्वारा भी जागरूकता का कार्यक्रम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में चलाया जा रहा है, इसके बाद भी लोग जागरूक नहीं हो रहे हैं.

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