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शिक्षा विभाग की अधिसूचना एवं निर्देशों का नहीं हो रहा अनुपालन

देवघर : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष निरपेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि देवघर जिले में शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना एवं निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार द्वारा सभी कोटि के सरकारी माध्यमिक उच्च विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति […]

देवघर : झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष निरपेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि देवघर जिले में शिक्षा विभाग द्वारा जारी अधिसूचना एवं निर्देशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार द्वारा सभी कोटि के सरकारी माध्यमिक उच्च विद्यालयों के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों की नियुक्ति एवं सेवा शर्त नियमावली 2015 तैयार कर अधिसूचना जारी की गयी है. यह 01 मार्च 2015 से पूरे झारखंड में प्रभावी है.
अधिसूचना के तहत सरकारी माध्यमिक विद्यालय के सहायक शिक्षकों का संवर्ग जिलास्तरीय किया गया है. जिला स्थापना समिति की बैठक हर वर्ष जून के पहले करने एवं शिक्षकों का तबादला दस वर्ष से अधिक वालों का करने का स्पष्ट निर्देश अधिसूचना में है. बावजूद नियमों को ताक पर रख कर जिले के सात शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया. विभागीय सचिव का पत्र पत्रांक संख्या 1278 माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा सभी उपायुक्त एवं जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजा गया है. बावजूद स्थानांतरण के वक्त पारदर्शिता नहीं अपनायी गयी. निशक्त शिक्षकों को भी अधिसूचना के तहत कोई रियायत नहीं दी गयी है. स्थानांतरण आदेश एवं विरमन पत्र जारी होने से संबंधित खबर सामने आने के बाद मीडिया के सामने आना पड़ा. ताकि इस प्रकार के कृत्य पर विराम लग सके. विभाग अगर स्थगन, सामंजन, विसंगति आदि मामले में उलझा रहा तो इसका सीधा प्रभाव माध्यमिक शिक्षा पर पड़ेगा. इससे पूर्व देवघर इकाई प्रतिनिधि मंडल द्वारा डीसी देवघर को ज्ञापन सौंपा गया. लेकिन, अबतक कोई सकारात्मक पहल नहीं किया गया है. इस मौके पर जिला सचिव अनिल कुमार, प्रमंडलीय सचिव अरिवंद कुमार सिंह आदि उपस्थित थे.
रेसनलाइजेशन की आड़ में कर दिया स्थानांतरण
माध्यमिक शिक्षा सह राज्य परियोजना निदेशक के पत्रांक 323 एवं मुख्य सचिव ने छात्र हित में रेसनलाइजेशन का अधिकार दिया है. इसके तहत शिक्षकों को आवश्यकता अनुसार अनिवार्य विषयों में प्रतिनियुक्ति के आधार पर विद्यालय में शिक्षक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है. लेकिन, रेसनलाइजेशन की आड़ में शिक्षकों का ही स्थानांतरण कर दिया गया. जबकि अन्य जिलों में रेसनलाइजेशन के तहत शिक्षकों का प्रतिनियोजन अन्य विद्यालयों में किया गया है.
दस वर्षों की सेवा के बाद करना है स्थानांतरण
अधिसूचना के तहत किसी भी शिक्षक का स्थानांतरण पदस्थापित विद्यालय में 10 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद ही किया जाना है. बावजूद जिले में वैसे शिक्षकों का स्थानांतरण किया गया है, जिनका वर्तमान में एक विद्यालय में कार्यकाल तीन वर्ष अथवा छह वर्ष ही पूरा हुआ है.

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