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विदेश भी जा रहे देवीपुर में बने कालीन
देवीपुर: प्रखंड क्षेत्र के झूमरबाद व कोरियाटिल्हा गांव में कई वर्षों से कालीन निर्माण का कार्य स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है. इनके हाथ की बनी कालिन विदेशों मे भी बेची जाती है. एक कालीन की कीमत 10 हजार से 70 हजार रुपये तक होती है. कालीन निर्माण की शुरूआत जागो बहना, गरीब नवाज […]
देवीपुर: प्रखंड क्षेत्र के झूमरबाद व कोरियाटिल्हा गांव में कई वर्षों से कालीन निर्माण का कार्य स्थानीय लोगों द्वारा किया जा रहा है. इनके हाथ की बनी कालिन विदेशों मे भी बेची जाती है. एक कालीन की कीमत 10 हजार से 70 हजार रुपये तक होती है.
कालीन निर्माण की शुरूआत जागो बहना, गरीब नवाज के माध्यम से शुरू की गयी है. कालीन निर्माण में लगे कारीगरों की मदद में उनके घर के सदस्य भी हाथ बंटाते हैं.
नहीं मिल रहा उचित दाम, सुविधाएं भी नहीं
विदेशाें तक अपनी कारीगरी से कालीन की पहुंच बनाने वाले यहां के कारीगर किसी तरह जीविकोपार्जन कर रहे हैं. सरकारी उपेक्षा के कारण इन्हें सुविधाएं नहीं मिल पा रही. वहीं कालीन बनाने के बाद भी सही कीमत नहीं मिल पाने के कारण कई लोगों ने इस अच्छे खासे काम से दूरी बना ली. पूंजी के अभाव में क्षेत्र से दर्जनों लोगों का पलायन हो चुका है. अगर सरकार की ओर से इनके लिए कदम नहीं उठाया गया तो कालीन बनाने की कला समाप्त हो जायेगी.
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