तब उनकी प्रतिभा देख कुश्ती के जानकारों ने इस खिलाड़ी से काफी उम्मीद जतायी थी. दावं पेच में माहिर इस खिलाड़ी ने नेशनल कुश्ती प्रतियोगिता में 63 किग्रा की फ्री स्टाइल बालिका वर्ग में देवघर में गोल्ड मेडल जीता था. प्रतियोगिता के फाइनल में हरियाणा की ही ज्योति को पछाड़ा था. 63 किग्रा(फ्री स्टाइल) की कुश्ती में स्वर्ण पदक हरियाणा-ए टीम साक्षी मलिक को, रजत पदक ज्योति हरियाणा-बी को और सोनू-दिल्ली व अनुराधा तोमर-यूपी को संयुक्त रूप से कांस्य पद मिला था.
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ओलिंपिक विजेता साक्षी ने देवघर में जीता था गोल्ड
देवघर: 2016 रियो अोलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाने वाली कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक 2012 में देवघर आ चुकी हैं. देवघर में जूनियर बालिका वर्ग की कुश्ती टीम में वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है. साक्षी ने अप्रैल 2012 आयोजित 31वीं जूनियर बालक व 14वीं बालिका कुश्ती प्रतियोगिोता में हरियाणा के लिए […]
देवघर: 2016 रियो अोलंपिक में भारत को पहला पदक दिलाने वाली कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक 2012 में देवघर आ चुकी हैं. देवघर में जूनियर बालिका वर्ग की कुश्ती टीम में वह अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी है. साक्षी ने अप्रैल 2012 आयोजित 31वीं जूनियर बालक व 14वीं बालिका कुश्ती प्रतियोगिोता में हरियाणा के लिए स्वर्ण पदक जीता था.
ओलंपिक पदक के लिए बाबा बैद्यनाथ से की थी कामना : 2012 नेशनल कुश्ती में शिरकत करने आये भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष सह सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने खिलाड़ियों की प्रतिभा को देखकर तब कहा था कि भारत में कुश्ती खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल है. श्री सिंह ने कहा था कि बाबा बैद्यनाथ के दरबार में सबों की मनोकामना पूरी होती है. उन्होंने अपने लिए नहीं, देश के लिए बाबा से कामना की है कि भारतीय पहलवान ओलंपिक में गोल्ड जीते. उनकी कामना 2016 के ओलंपिक में फलीभूत हुई है. साक्षी ने अोलंपिक में रजत पदक जीतने से चूंकी और देश के लिए महिला कुश्ती का पहला कांस्य जीता है.
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