दुमका: एसपीटी और सीएनटी एक्ट में संशोधन को लेकर रघुवर सरकार द्वारा लाये जाने वाले अध्यादेश को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी की अलग राय है. उन्होंने कहा है कि सरकार इस अध्यादेश को लाने में हड़बड़ी कर रही है. इन दोनों कानूनों में संशोधन की कोई जरूरत ही नहीं है. इन कानूनों में संशोधन हुआ, तो आदिवासियों-मूलवासियों का अस्तित्व नहीं बचेगा.
दुमका परिसदन में प्रेस कांफ्रेंस में श्री मरांडी ने कहा कि जो काश्तकारी कानून लागू है, उसका अनुपालन होना चाहिए. मैं नहीं मानता कि एसपीटी और सीएनटी एक्ट की वजह से विकास नहीं हो पा रहा है. भूमि अधिग्रहण कानून बना हुआ है, सरकार उसके तहत भूमि अधिग्रहित कर विकास के लिए संसाधन व संरचना विकसित कर सकती है.
जाके पांव न फटी बिवाई, वह क्या जाने पीर पराई… : प्रदेश अध्यक्ष श्री मरांडी ने कहा कि कई विधायकों-सांसदों ने इस विषय पर अपनी भावना से राज्यपाल को अवगत कराया है. पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी अपनी बात रखी है. उन्होंने कहा कि जाके पांव न फटी बिवाई.. वह क्या जाने पीर पराई….
अर्थात आदिवासियों-मूलवासियों के दर्द को वही समझ सकता है, जो इस क्षेत्र में रहता है. श्री मरांडी ने कहा कि इन कानूनों में बगैर संशोधन किये भी काम हो सकता है. कल-कारखाने पहले भी लगे थे. अब भी कोयला व पत्थरों के खनन हो रहे हैं.
तो कोई भी जमीन देने से पीछे नहीं हटेगा : श्री मरांडी ने कहा कि सिर्फ अपना काम निकालने के लिए जमीन नहीं दी जा सकती. चाहे सरकारी संस्थान हो या कॉरपोरेट घराने, नियम व शर्तों का पालन होना चाहिए. तभी कोई व्यक्ति जमीन देने से पीछे नहीं हटेगा.