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विरोध में ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

रोष. तीसरी बार भी नहीं हुई बासुकिनाथ श्रावणी मेला के लिए सैरात बंदोबस्ती सैरात के लिए सुरक्षित राशि 21 लाख है निर्धारित डाकवक्ता कर रहे राशि घटाने की मांग बासुकिनाथ : श्रावणी मेला सैरात बंदोबस्ती नगर पंचायत बासुकिनाथ में शुक्रवार को एक माह के लिए तीसरी बार भी नहीं हो पायी. सैरात के लिए सुरक्षित […]

रोष. तीसरी बार भी नहीं हुई बासुकिनाथ श्रावणी मेला के लिए सैरात बंदोबस्ती

सैरात के लिए सुरक्षित राशि 21 लाख है निर्धारित
डाकवक्ता कर रहे राशि घटाने की मांग
बासुकिनाथ : श्रावणी मेला सैरात बंदोबस्ती नगर पंचायत बासुकिनाथ में शुक्रवार को एक माह के लिए तीसरी बार भी नहीं हो पायी. सैरात के लिए सुरक्षित राशि 21 लाख निर्धारित है. डाकवक्ताओं ने सुरक्षित राशि को घटाने की मांग की है. सैरात के लिए नप अध्यक्ष मंटू कुमार लाहा, कार्यपालक पदाधिकारी ज्योति कुमार सिंह, नगर प्रबंधक सतीश कुमार, प्रधान सहायक मानवेंद्र प्रसाद एवं भाष्कर पंडा ने सभी डाकवक्ताओं को बुलाया.
बोली लगाने पहुंचे डाकवक्ताओं एवं ग्रामीणों ने कहा कि नपं के अधिकारी पहले मेला स्थल को चिह्नित करें फिर डाक में भाग लेंगे. जगह की कमी के कारण मेले के दौरान कुव्यवस्था का आलम होता है. डाक नहीं होने की स्थिति में नपं द्वारा मेले में आये दुकानों से वसूली की संभावना बन रही है.
वहीं नगर पंचायत परिसर में ग्रामीणों एवं डाकवक्ताओं ने श्रावणी मेला में सैरात के विरोध में प्रदर्शन किया. डाकवक्ता एवं ग्रामीण सोमनाथ यादव, दिवाकर झा, विकास यादव, कैलाश साह, सारंग झा, कुंदन झा, जितेंद्र झा, शैलेश राव, संजय झा, हर हर पंडा, मुकु झा आदि ने बताया कि सैरात के लिए प्लाट संख्या-434 में 6 कटठा 7 धूर ,518 में 13 धूर एवं 520 में 14 कट्ठा 4 धूर कुल 20 कटठा 24 धूर जमीन है.
लेकिन वर्तमान स्थिति में इतनी जमीन सैरात के लिए बासुकिनाथ में नहीं दिख रही है. इस पर डाकवक्ताओं ने कार्यपालक पदाधिकारी ज्योति कुमार सिंह से पहले जमीन चिह्नित कराने की बात कही. लोगों ने कहा कि जमीन चिह्नित कर नहीं बताया गया तो इस बार सैरात का विरोध होगा तथा कोई भी आदमी इसमें भाग नहीं लेगा. मौके पर काफी संख्या में डाकवक्ता मौजूद थे.
मेले में लगती है दस हजार दुकानें
नपं अध्यक्ष ने बताया कि मेले में करीब दस हजार छोटे-बड़े दुकानदार विभिन्न स्थानों से रोजी रोटी की जुगाड़ के लिए यहां पहुंचते हैं. एेसे दुकानदारों को सुव्यवस्थित तरीके से मेले में दुकान लगवाना एक चुनौती भरा कदम माना जाता है.
दुकान नहीं लगने की स्थिति में कुछ लोगों के उकसावे पर प्रशासन के विरोध में प्रदर्शन भी होते रहा है. रोड पर दुकानें नहीं लगेगी लेकिन प्रशासन को तय करना होगा कि एेसे लोगों की दुकानें कहां लगेगी. सबंध में नपं अध्यक्ष ने कहा कि उपायुक्त से इस मुद्दे पर बात की जायेगी.

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