देवघर: देवघर नगर निगम क्षेत्र के स्लम एरिया में रहने वाले बेघर परिवारों को राजीव गांधी आवास योजना के तहत आवास मुहैया कराया जायेगा. योजना के तहत आवास के साथ-साथ सड़क, पानी, बिजली, कम्युनिटी हॉल आदि बुनियादी जरूरतें भी उपलब्ध करायी जायेगी. भारत सरकार के अधीन काम करने वाली अरबन स्टेटिकल एंड एचआर एंड असेसमेंट कंपनी द्वारा सर्वे शुरू हो गया है.
बुधवार को नगर विकास विभाग की तीन सदस्यीय टीम के पदाधिकारी अमित कुमार, निर्मल कुमार दास व आर प्रसाद ने नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 2, 3, 8, 9, 11, 25 एवं 27 नंबर वार्डो के स्लम एरिया का स्थलीय मुआयना किया. प्रथम चरण में टीम एक पखवारे में डीपीआर तैयार कर विभाग को सौंपेगा. योजना की स्वीकृति के लिए डीपीआर को केंद्र सरकार के पास भेजा जायेगा. हाउसिंग एंड अरबनप डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा डीपीआर की जांच कर प्राक्वलन तैयार किया जायेगा. इससे पहले टीम के पदाधिकारियों ने देवघर नगर निगम के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी अलोइस लकड़ा के साथ योजना कार्यक्रम पर विस्तृत चर्चा करते हुए योजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप देने पर विचार-विमर्श हुआ. स्थलीय जांच के क्रम में टीम में नगर निगम के सहायक अभियंता समीर सिन्हा भी शामिल थे.
टीम के पदाधिकारी ने लिया स्थल का जायजा : तीन सदस्यीय टीम के पदाधिकारियों ने वार्ड संख्या 2 में सिंघवा, महेशमारा, बरमसिया, गांधी नगर, वार्ड संख्या 3 में चांदपुर, सिविल लाइन, कालीबाड़ी, वार्ड संख्या 8 में चांदपुर, रामचंद्रपुर, धरमपुर, वार्ड संख्या 9 में गुलजार, संताल टोला, हरिजन टोला, वार्ड संख्या 11 में बसुआडीह, अजान टोला, गोसाइडीह, पथलचपट्टी, वार्ड संख्या 25 में सलोनाटांड, जटाही, खिजुरिया, बाघमारा एवं वार्ड संख्या 27 में महेशमारा, बैद्यनाथपुर, शहीद आश्रम रोड व छतीसी का जायजा लिया.
क्या है राजीव गांधी आवास योजना : भारत सरकार ने शहरी क्षेत्रों को स्लम मुक्त करने के उद्देश्य से राजीव गांधी आवास योजना को पूरे देश में लागू करने का निर्णय लिया था. आर्थिक मामलों के मंत्रिमंडलीय समिति ने 02.06 2011 को देश भर के 250 शहरों में योजना को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया था. इस योजना को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में लागू किया गया है. लाभांवित परिवारों को आवास का मालिकाना हक भी दिये जाने का प्रावधान है.