बताया जाता है कि सभी 16 यात्री दोपहर एक बजे पहाड़ पर पैदल चढ़ने की इच्छा जतायी. उन्होंने स्थानीय गाइड फागु मांझी को अपने साथ ले गये. यात्रियों को करीब पांच घंटा पैदल चढ़ने में लग गया. शाम 6:05 बजे सभी यात्री पहाड़ की चोटी पर पहुंचे व भ्रमण करने लगे. इस क्रम में समय बीत जाने के कारण शाम लगभग 6:30 बजे रोप-वे का परिचालन बंद हो गया. इस वजह से एक भी यात्री नीचे नहीं उतर पाये. इधर, मौका मिलते ही गाइड भी धोखा देकर भाग गया.
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त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर फंसे 16 पर्यटक
देवघर: देवघर के पर्यटन स्थल त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर धनबाद के मुगमा बस्ती के 14 व दुमका के खड़हरा के दो पर्यटक फंस गये हैं. इन यात्रियों में आठ महिलाएं समेत तीन बच्चे भी शामिल हैं. एक दुधमुहां बच्चा भी है. सभी यात्री देर रात त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर ही मौजूद थे, उन्हें […]
देवघर: देवघर के पर्यटन स्थल त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर धनबाद के मुगमा बस्ती के 14 व दुमका के खड़हरा के दो पर्यटक फंस गये हैं. इन यात्रियों में आठ महिलाएं समेत तीन बच्चे भी शामिल हैं. एक दुधमुहां बच्चा भी है. सभी यात्री देर रात त्रिकुट पहाड़ की चोटी पर ही मौजूद थे, उन्हें रोप-वे प्रबंधन की ओर से रोप-वे के भवन में ठहराया गया है. सभी यात्री सुरक्षित हैं.
प्रभात खबर की पहल पर प्रशासन ने पहुंचायी राहत : रात में वापस पहाड़ से पैदल उतरना खतरे से खाली नहीं था. रात करीब नौ बजे प्रभात खबर टीम को यात्रियों के फंसे होने की सूचना मिली.
इसके बाद प्रभात खबर ने पहल करते हुए रोप-वे प्रबंधन व देवघर डीसी को इसकी सूचना दी. डीसी के निर्देश पर रोप-वे प्रबंधक एमके वेग द्वारा सभी यात्रियाें को पहाड़ के ऊपर बने रोप-वे के स्टेशन में सुरक्षित ठहराया गया. देर रात रोप-वे प्रबंधक की ओर से ट्राॅली के जरिये भोजन भेजी गयी. रोप-वे प्रबंधन के अनुसार, रात्रि में रोप-वे के ट्राॅली में आदमी भेजना खतरा हो सकता है, इसलिए ट्राॅली में केवल भोजन उपर भेजने की तैयारी की जा रही थी. बताया जाता है कि यात्रियाें ने यह पहाड़ पर चढ़ने से पहले ही यह विचार किया था कि अगर पहाड़ पर शाम हो गयी तो रात्रि विश्राम पहाड़ पर ही होटल या धर्मशाला में करेंगे. लेकिन गाइड ने पहाड़ के ऊपर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं रहने की जानकारी भी यात्रियों को नहीं दी थी. बताते चलें कि त्रिकुट पहाड़ की ऊंचाई 1100 फीट है.
पहाड़ पर फंसे यात्रियों के नाम
शेखर राय, जोसना कुमारी, अशोक राय, रुमता राय, प्रतिमा राय, विशाल राय, सरोज राय, मीना कुमारी, रुपा राय, अनिमा राय, शीलावती राय, वर्षा, आदित्य राय, विभोर राय व एक दूधमुंही बच्ची (सभी धनबाद, मुगमा निवासी)समेत दुमका के खड़हरा निवासी परमेश्वर राय व रेखा रानी राय है.
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