हालांकि निगम के पूर्व मेयर राज नारायण खवाड़े ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए निगम के सीइओ के चेंबर में अलग-अलग पक्षों से बात की और मेल मिलाप और आपसी सौहार्द्र से विकास करने की बात कही. जिसमें सीइओ व डिप्टी मेयर ने सहमति जतायी. लेकिन हंगामा व मारपीट की घटना के सिलसिले में कानून ने अपना काम किया. नगर थाने ने तीन अलग-अलग आवेदन पर तीन मामला दर्ज किया है. तीनों आवेदनों को मिला कर पुलिस ने कुल 11 नामजद और 50 अज्ञात को आरोपित किया है.
वहीं दूसरा केस निगम के सफाई कर्मी सूरज दयाल राम ने संजीव कुमार चौधरी उर्फ पौली व सीइअो अवधेश पांडेय के खिलाफ हरिजन एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कराया है. इसमें सफाई कर्मियों ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत सभी सफाई कर्मी कार्यालय परिसर में शांतिपूर्ण धरना दे रहे थे. इसी बीच संजीव कुमार चौधरी ने कार्यालय परिसर में आकर जाति सूचक शब्द का इस्तेमाल करते हुए गाली-गलौज किया व मारपीट कर भगाने की बात कही.
उसने ऐसा निगम के सीइअो अवधेश पांडेय के कहने पर किया है. इसलिए उक्त दोनों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. तीसरा केस श्रीकांत रोड, बेलाबगान निवासी संजीव कुमार चौधरी उर्फ पॉली ने थाना में दर्ज कराया है. पॉली ने कहा है कि श्यामगंज रोड निवासी संजय मंडल, वार्ड जमादार बिरजू राम, प्रदीप मेहतर व मुखिया धपरा ने लाठी-डंडे लेकर घेर लिया. इस बीच संजय मंडल ने 25 हजार रुपये रंगदारी की मांग की. फिर अचानक सभी लात-घूंसा व लाठी से जानलेवा हमला करने लगे और सोने का चेन छीन लिया.