देवघर: विभागीय लक्ष्य का पीछा करते हुए वाणिज्य कर विभाग ने अंचल के व्यवसायियों को चिह्न्ति कर उनके स्टॉक रजिस्टर व कागजातों को खंगालने की योजना बनायी है.
सूत्रों की मानें तो दो माह शेष बचे हैं अब विभाग ने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अभियान तेज कर दिया है. विभागीय पदाधिकारियों ने ऑनलाइन वेरीफिकेशन के बाद डिफाल्टरों की स्कूट्रनी की है.
साथ ही उनके ट्रांजेक्शन को खंगाला है. विभाग ने ऐसे तीन दर्जन व्यवसायियों को चिह्न्ति किया है जिन्होंने या तो नील रिटर्न दाखिल किया है या बहुत ही कम राशि विभाग के कोष में जमा किये है.
जबकि उनका व्यवसाय लाखों में संचालित है. इन डिफाल्टरों पर विभाग की नजर टेढ़ी हो गयी है. वरीय पदाधिकारियों के निर्देश के तहत लक्ष्य हासिल करने के लिए विभाग ने उन सभी को सूचीबद्ध किया है. ताकि विभागीय राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके. ज्ञात हो वाणिज्य कर विभाग की ओर से देवघर अंचल को चालू वित्तीय वर्ष में (2013-14) में 93 करोड़ 85 लाख रुपये का लक्ष्य दिया गया है. मगर अंचल ने अब तक मात्र 61 करोड़ रुपये राजस्व अजिर्त किया है.
कुसुम इंटर प्राइजेज को मिला दो दिनों का समय
इससे पहले बुधवार को विभागीय पदाधिकारियों ने शहर के हरिकिशुन साह लेन स्थित कुसुम इंटरप्राइजेज नामक थोक व्यवसायी के यहां सर्वे किया. विभागीय सूत्रों की मानें तो इंटरप्राइजेज के कागजातों को खंगालने पर उसमें चार लाख रुपये की अनियमितता पायी गयी है.
सर्वे के दौरान गड़बड़ी पाये जाने पर विभागीय पदाधिकारियों ने तत्काल संस्थान के प्रोपराइटर को जुर्माना सहित पूरी राशि जमा करने को कहा था. मगर प्रोपराइटर व उसके प्रतिनिधि ने विभाग के वरीय पदाधिकारी से मिल कर अपनी बातें रखी.अंचल के प्रभारी डीसी रमेश चंद्र वर्मा ने व्यवसायी को दो दिनों का समय देते हुए 18 जनवरी (शनिवार) को दस्तावेजों के साथ कार्यालय में उपस्थित हो अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है.