सारठ बाजार : पहले हो समाधान, फिर होने देंगे काम अजय बराज को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर विस्थापितों व प्रभावितों का भी विरोध शुरू हो गया है.
इस बाबत अजय बराज समन्वय समिति के सचिव सह पूर्व सरपंच धीरेंद्र नाथ सिंह, सदस्य सुबोध सिंह, मृत्युंजय सिंह, दीपक सिंह, शिवनंदन सिंह, जयप्रकाश सिंह आदि ने कहा बराज बनने के बाद गेट बंद रहने से 2007 में भीषण बारिश व बाढ़ से दर्जनों गांव प्रभावित हुए थे.
सैकड़ों घर ध्वस्त हो गये व किसानों का फसल बरबाद हो गया था. पुनर्वास के लिए लंबी लड़ाई लड़ने के बाद भी सरकार ने हम विस्थापितों की जायज मांगों को भी अनसुना कर दिया. अभी तक महज 40 फीसदी का ही भुगतान हुआ है.
ग्रामीणों को स्थानीय विधायक के स्पीकर बनने के बाद विस्थापितों के समस्या के समाधान की उम्मीद जगी थी. लेकिन समस्या के समाधान को दरकिनार कर बराज को पर्यटन स्थल बनाने की बात की जा रही है. जबतक विस्थापितों की समस्या का समाधान नहीं होगा, किसी भी शर्त पर पर्यटन स्थल नहीं बनने देंगे.