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नामित सदस्यों से चल रहा विवि का सीनेट व सिंडिकेट
देवघर : सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका की स्थापना 1992 में हुई. स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अबतक सिंडिकेट के लिए शिक्षक प्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हुआ है. इस कारण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर होने वाले विकास कार्य प्रभावित हैं. सीनेट के सदस्यों के लिए […]
देवघर : सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका की स्थापना 1992 में हुई. स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने वाले हैं. लेकिन, विश्वविद्यालय की स्थापना से लेकर अबतक सिंडिकेट के लिए शिक्षक प्रतिनिधियों का चुनाव नहीं हुआ है. इस कारण विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय स्तर पर होने वाले विकास कार्य प्रभावित हैं. सीनेट के सदस्यों के लिए आखिरी बार चुनाव चार वर्ष पहले हुआ था. सीनेट एवं सिंडिकेट का कार्यकाल तीन-तीन वर्ष का होता है.
प्रत्यक्ष रूप से चुनाव नहीं होने की वजह से सीनेट में तेरह अंगीभूत एवं पांच संबद्ध कॉलेजों के शिक्षक प्रतिनिधियों की भूमिका सीनेट व सिंडिकेट में नहीं है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में आठ वर्षों से छात्र संघ का चुनाव नहीं हुआ है. इस वजह से सिंडिकेट में छात्र प्रतिनिधियों की भूमिका नदारद है. सिंडिकेट में चार शिक्षक प्रतिनिधि का पद प्रत्यक्ष चुनाव पद्धति से भरा जाता है. इसमें दो प्रोफेसर एवं दो रीडर का चुनाव करना होता है. विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय का वार्षिक बजट सहित सभी प्रकार के विकास कार्य एवं सिंडिकेट में लिये गये सभी प्रकार के फैसले को सीनेट में रखा जाना अहम होता है. जबकि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के विकास से संबंधित संपत्ति लेने एवं देने का अधिकार सिंडिकेट की बैठक में लिया जाता है.
सीनेट में होते हैं 57 सदस्य
सीनेट के चेयरमैन चांसलर होते हैं. टीम में दस अंगीभूत कॉलेज के प्राचार्य, पांच संबद्धता प्राप्त कॉलेज के प्राचार्य के अलावा विभिन्न विषयों के विभागाध्यक्ष, छात्र प्रतिनिधियों सहित कुल 57 सदस्य प्रतिनिधि शामिल होते हैं. सीनेट में लिये गये सभी प्रकार के प्रस्ताव को चांसलर एवं राज्य सरकार को भेजा जाता है. स्वीकृति के बाद कार्य का कार्यान्वयन होता है.
सिंडिकेट में होते हैं 18 सदस्य
सिंडिकेट में शामिल सदस्य प्रतिनिधियों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है. राज्य सरकार के चार नामित सदस्य प्रतिनिधियों के अलावा चांसलर द्वारा नामित एक सदस्य प्रतिनिधि, दो कॉलेज के प्राचार्य एवं दो विभागाध्यक्ष (पीजी हेड रोटेशन में) सहित कुल 18 सदस्य सिंडिकेट में शामिल होते हैं. राजभवन (चांसलर) द्वारा नामित सदस्य प्रतिनिधियों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है. कुलपति द्वारा नामित सदस्य प्रतिनिधियों का कार्यकाल एक वर्ष का होता है.
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