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किशनपुर में घर बना था पनाहगार जंगल में बनता था हथियार
मधुपुर: पहले जहां घर में हथियार बनाया जाता था वहीं अब अपराधी जंगल में अस्थायी रूप से शेड वगैरह लगाकर हथियार बनाने का काम करने लगे. इसका खुलासा मंगलवार को पुलिस की छापेमारी के दौरान जंगल में मिले लेथ मशीन से हुआ. पुलिस कोउस्मान मियां के घर से कई बिछावन भी मिले. जिससे पता चलता […]
मधुपुर: पहले जहां घर में हथियार बनाया जाता था वहीं अब अपराधी जंगल में अस्थायी रूप से शेड वगैरह लगाकर हथियार बनाने का काम करने लगे. इसका खुलासा मंगलवार को पुलिस की छापेमारी के दौरान जंगल में मिले लेथ मशीन से हुआ. पुलिस कोउस्मान मियां के घर से कई बिछावन भी मिले. जिससे पता चलता है अपराधियों ने उस घर को पनाहगार के रूप में इस्तेमाल किया था.
किशनपुर में 2010, 2013 व 2015 में छापेमारी की गयी थी. दो बार उस्मान मियां भी पकड़ा जा चुका है लेकिन कोर्टमें उसे बेल मिल गयी. जिसके बाद वह फरार रहने लगा. किशनपुर मामले में यदि पुलिस जरा भी गंभीरता दिखाती तो शायद यहां हथियार बनाने का गोरखधंधा नहीं फल-फूल सकता था. इससे पूर्व भी छापेमारी के बाद पुलिस को कई सुराग मिले पर मामले का किंगपिन व अन्य अबतक नहीं पकड़ा जा सका.
फरार चल रहे आरोपित
पूर्व के मामले में मो उसमान मियां, मो मुमताज, बसीरन बीबी के अलावे मुंगेर के कासिम बाजार निवासी परशुराम विश्वकर्मा, मो राजु, मो परवेज, रॉकी शर्मा, मो चांद, मो मुमताज, मो आफताब, शेखपुरा निवासी मो नौशाद समेत 11 को नामजद आरोपित बनाया गया था. इनमें कई आरोपित जिसमें उस्मान प्रमुख है अब भी फरार चल रहा है.
पिस्टल की हुई है तस्करी
किशनपुर से निर्मित हजारों पिस्टल की अब तक तस्करी हो चुकी है. बताया जाता है कि कांड में मुख्य आरोपित मो उस्मान की पहचान हथियार तस्करी के क्रम में ही झारखंड, बिहार, बंगाल समेत कई राज्यों के अपराधियों से हो चुकी है. इन्हीं अपराधियो के सहयोग से वह मधुपुर व आसपास के क्षेत्रो में अब तक कई बडे वारदत को अंजाम दे चुका है.
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