देवघर: मंदिर प्रबंधन बोर्ड की पिछली बैठक में आगामी श्रावणी मेले में पार्वती मंदिर प्रवेश के लिए फुट ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया था. इस पर तीर्थ-पुरोहितों ने विरोध जताया है. मंगलवार को अखिल भारतीय तीर्थ-पुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सह पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व महामंत्री दुर्लभ मिश्रा के नेतृत्व में दर्जनों तीर्थ-पुरोहितों ने मंदिर प्रबंधन बोर्ड के सदस्य कृष्ष्णानंद झा से मिल कर आपत्ति जतायी. श्री झा रूट में बदलाव का आश्वासन दिया.
इसके बाद तीर्थ-पुरोहित आश्वस्त हुए. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के पूर्व अध्यक्ष विनोद दत्त द्वारी ने कहा कि संभावित फुट ओवर ब्रिज निर्माण से बाबा-पार्वती मंदिर का गंठबंधन अनुष्ठान प्रभावित होगा. भक्त इसी रास्ते से गंठबंधन को स्पर्श करते हुए पार्वती मंदिर तक आते हैं. इससे भक्तों की आस्था पर चोट पहुंचेगी.
परंपरा टूटने की संभावना बनेगी तो श्रद्धालुओं के हित में तीर्थ-पुरोहित आगे आयेंगे. इससे पहले मामले को गरमाता देख कर बोर्ड के सदस्य सह पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा से दुर्लभ मिश्रा के नेतृत्व में दर्जनों लोग मंदिर प्रशासनिक भवन में मिले. इसके बाद स्पॉट निरीक्षण किया गया. इसमें सर्वसम्मति से कहा गया कि मेले के दौरान बाबा मंदिर निकास द्वार से कतार निकल कर नाथबाड़ी जायेगी.
वहां से पार्वती मंदिर जलार्पण के लिए कतार लगेगी. इसके अलावा पश्चिम दरवाजा से संस्कार मंडप के नीचे से होते हुए सरस्वती मंदिर व सूर्य नारायण मंदिर के बगल की गली से निकल कर मंदिर परिसर होते हुए पार्वती मंदिर प्रवेश कराने पर सहमती बनी. ज्ञात हो कि सोमवार को बोर्ड की ओर से डीसी अरवा राजकमल, एसपी ए विजयालक्ष्मी, एसडीओ सुधीर गुप्ता, पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा आदि के निरीक्षण के क्रम में भी तीर्थपुरोहितों ने विरोध दर्ज किया था. मौके पर रमानाथ झा, हीरा लाल तनपुरियये, छू मणी जजवाड़े, राजू खवाड़े, सीताराम आदि दर्जनों तीर्थपुरोहित मौजूद थे.