बंगलरु से औषधाीय पौधा मंगवाने की योजना थी. लेकिन पिछले दो वर्षों से एग्रोटेक पार्क में तालाब व अन्य कन्स्ट्रक्शन के कार्यों की जांच को लेकर एग्रोटेक का अधूरा काम बंद पड़ा था. जांच संबंधित फाइल डीडीसी के पास पड़ी हुई थी. उक्त पार्क का निर्माण विशेष प्रमंडल से करायी गयी थी. विभाग की ओर से भी लंबित कार्यों पर गंभीरता नहीं दिखायी, इस कारण पार्क अधूरा रह गया.
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एग्रोटेक पार्क के 80 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गये थे पूरे, आग लगने से लाखों रुपये गये पानी में
देवघर: शिल्पग्राम में आग से जलकर नष्ट हुए एग्रोटेक पार्क का शिलान्यास 2012 में ही 1.63 करोड़ की लागत से हुआ था. एक वर्ष में एग्रोटेक पार्क को बनकर तैयार हो जाना था. विभागीय पेच के कारण चार वर्ष में लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हुआ. पार्क में मामूली फिनिंसग सिविल वर्क व ग्रीन हाउस […]
देवघर: शिल्पग्राम में आग से जलकर नष्ट हुए एग्रोटेक पार्क का शिलान्यास 2012 में ही 1.63 करोड़ की लागत से हुआ था. एक वर्ष में एग्रोटेक पार्क को बनकर तैयार हो जाना था. विभागीय पेच के कारण चार वर्ष में लगभग 80 फीसदी कार्य पूरा हुआ. पार्क में मामूली फिनिंसग सिविल वर्क व ग्रीन हाउस में औषधीय पौधों का प्लांटेशन होना ही शेष था.
लंब समय तक काम अधूरा रहने पर रख-रखाव के अभाव में नया एग्रोटेक पार्क में निर्मित ग्रीन हाउस समेत आधारभूत संरचना धीरे-धीरे जर्जर हो रहा है. अंत में नतीजा यह हुआ कि उदघाटन से पहले ही एग्रोटेक पार्क जलकर खाक हो गया.
लाखों का नुकसान
अगलगी की इस घटना में प्लांटेशन के लिए बनाये गये आधुनिक छावनी समेत हाउस आदि जलकर खाक हो गये. बताया जाता है कि इसमें लाखों रुपये की क्षति हुई है. हालांकि एग्रोटेक पार्क पूरी तरह हैंडओवर नहीं किया गया है. बावजूद सुंदर एग्रोटे पार्क अगर समय पर चालू हो जाता तो पर्यटन के साथ-साथ कई औषधीय पौधों लग जाते. बताया जाता है कि विभाग की ओर से अगलगी की घटना में पूरी रिपोर्ट मांगी गयी है.
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