देवघर कॉलेज से ग्रेजुएशन कर दिल्ली गये, जहां पर 12 साल तक लॉ प्रैक्टिस करने के बाद इस मुकाम तक पहुंचे. पैतृक गांव सतरिया जसीडीह थाना क्षेत्र में स्थित है तथा वर्तमान कास्टर टाउन, देवघर में रहते हैं. चार भाईयों अरूण कुमार झा, रामाकांत झा व राजीव रंजन झा में ये बड़े हैं तथा चार बहनें भी हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपनी मां व पिता को दिया है. उनका मानना है कि सार्थक मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाता है. कहते हैं कि कानूनी शिक्षा युवक अवश्य हासिल करें.
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सतरिया के ललित नारायण झा बने एडीजे
देवघर: लक्ष्य को ध्यान में रखकर ईमानदार प्रयास करने पर लक्ष्य प्राप्ति में कोई बाधा नहीं होती है. सतत मेहनत व लगन हमें शिखर तक पहुंचाता है. जसीडीह अंतर्गत सकरिया गांव के ललित नारायण झा ने इस कथन को सत्य कर दिखाया है तथा सभी के प्रेरणास्रोत बन गये हैं. श्री झा ने यूपीएचजेएस-2014 की […]
देवघर: लक्ष्य को ध्यान में रखकर ईमानदार प्रयास करने पर लक्ष्य प्राप्ति में कोई बाधा नहीं होती है. सतत मेहनत व लगन हमें शिखर तक पहुंचाता है. जसीडीह अंतर्गत सकरिया गांव के ललित नारायण झा ने इस कथन को सत्य कर दिखाया है तथा सभी के प्रेरणास्रोत बन गये हैं. श्री झा ने यूपीएचजेएस-2014 की परीक्षा में सफलता हासिल की. उनका चयन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीजे) पद पर पिछले वर्ष हुआ तथा एक साल की ट्रेनिंग के बाद उनका पदस्थापन यूपी के महाराजगंज में हुआ है.
उनका कहना है कि लॉ के क्षेत्र में भविष्य उज्जवल है. उन्होंने दिल्ली में एडवोकेट के तौर पर नियमित प्रैक्टिस करते हुए यह सफलता हासिल की है. इनकी माता जसीडीह में शिक्षिका थी जो सेवानिवृत्त हो चुकी हैं तथा पिता नवीन चंद्र झा का निधन हो चुका है. वे रेलवे में चालक पद पर कार्यरत थे. अधिकांश समय रेलवे क्वार्टर में बीताने के बाद लाॅ की पढ़ाई दिल्ली लॉ सेंटर में की.
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