देवघर: अभिलेखागार चोरी कांड में पुलिस ने पूर्व अभिलेखागार प्रभारी दंडाधिकारी मिथिलेश कुमार झा व प्रधान लिपिक सह रिकॉर्ड कीपर अमल बड़इ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जांच के दौरान पुलिस को दोनों आरोपितों के विरुद्ध संलिप्तता व लापरवाही का साक्ष्य मिला है.
अभिलेखागार चोरी को लेकर 30 अगस्त 2011 को नगर थाने में मामला दर्ज कराया गया था. पुलिस ने अभिलेखागार में कार्यरत कर्मी ज्योतिंद्र पोद्दार के घर से चुराये गये दस्तावेज अवशेष व नकदी आदि बरामद किया था. दस्तावेजों को जला कर साक्ष्य नष्ट करने का प्रयास किया गया था.
मामले में उस वक्त पुलिस ने ज्योतिंद्र के पुत्र सुनील पोद्दार सहित ध्रुव परिहस्त को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जांच व गवाहों के बयान में मिथिलेश कुमार झा व अमल बराइक के खिलाफ पुलिस को पर्याप्त साक्ष्य मिले. इसी आधार पर पुलिस ने इन आरोपितों की गिरफ्तारी की. दोनों आरोपित आरंभ से ही शक के दायरे में थे. अभिलेखागार में चोरी रहस्यमय तरीके से हुई थी. तत्कालीन डीसी मस्तराम मीणा ने करीब 826 एकड़ भूमि घोटाला संबंधी दस्तावेज व रिपोर्ट अभिलेखागार के अंदर बक्से में बंद कर रखवाया था.
अभिलेखागार की चाबी अमल बराइक के पास रहती थी. अभिलेखागार का न दरवाजा टूटा व न ही खिड़की खुली. बक्से में रखा सारा अभिलेख गायब हो गया था. बक्से में महत्वपूर्ण रिकॉर्ड रखा था. उसमें शहर के नामचीन भूमि कारोबारियों के कारनामे दर्ज थे. आशंका जतायी जा रही है कि बचाव के लिए ही कारोबारियों व भू-माफियाओं ने ही अभिलेख गायब कराया होगा. पुलिस जांच में यह भी पता चला था कि अभिलेखागार के कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ भी किया गया था. एसडीपीओ पीके साह ने भी थाना पहुंच कर पूछताछ की थी. इसके बाद पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कराया. कोर्ट के निर्देश पर आरोपितों को पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया.
-संदर्भ अभिलेखागार से भूमि घोटाले से संबंधित दस्तावेजों की चोरी का
-जांच व गवाहों के बयान में मिथिलेश कुमार झा व अमल बराइक के खिलाफ पुलिस को मिले पर्याप्त साक्ष्य
– अभिलेखागार चोरी को लेकर 30 अगस्त 2011 को नगर थाने में दर्ज कराया गया था मामला
-पुलिस ने अभिलेखागार में कार्यरत कर्मी ज्योतिंद्र पोद्दार के घर से चुराये गये दस्तावेज, अवशेष व नकदी आदि किया था बरामद.