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कलश यात्रा के साथ भागवत कथा आरंभ

जसीडीह : नगर निगम वार्ड एक के संथाली गांव में सात दिवसीय भागवात कथा का आयोजन किया गया. आयोजक सज्जन राम, कैलाश राम ने बताया कि संथाली गांव के मनसा मंदिर के समीप ग्रामीणों के सहयोग से भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अयोध्या के ब्रह्मदेव पांडेय प्रवचन करेंगे. उन्होंने बताया कि […]

जसीडीह : नगर निगम वार्ड एक के संथाली गांव में सात दिवसीय भागवात कथा का आयोजन किया गया. आयोजक सज्जन राम, कैलाश राम ने बताया कि संथाली गांव के मनसा मंदिर के समीप ग्रामीणों के सहयोग से भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है. इसमें अयोध्या के ब्रह्मदेव पांडेय प्रवचन करेंगे. उन्होंने बताया कि भागवात कथा आयोजन को लेकर बुधवार को 108 कन्याओं द्वारा कलश यात्रा निकाली गयी जो संथाली स्थित बेहरा बांध से जल उठाकर थाना रोड होते हुए, आरोग्य भवन, जसीडीह बाजार से पीर खाना के रास्ते वापस संथाली भागवत कथा स्थल पहुंची. आयोजन में श्याम सुंदर राउत, कपिल कुमार, नरेश राम, विष्णु राम, अमोद, हीरामन दास, कारू तांती, सत्तन राम अन्य लोग शामिल थे.

जिप अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व डीडीसी में घमसान
बुधवार को डीआरडीए में तब अजीब दृश्य उत्पन्न हो गया जब जिला परिषद उपाध्यक्ष संतोष पासवान को कार्यालय में बैठने की जगह नहीं मिली. यह मामला गहराता जा रहा है. मामले में जहां एक ओर विभागीय प्रावधानों का हवाला िदया जा रहा है तो दूसरी ओर जिप अध्यक्ष ने डीआरडीए में उपाध्यक्ष कार्यालय के होने को अनुचित मानने से इनकार किया है.
बुधवार को जिला परिषद उपाध्यक्ष संतोष पासवान को डीआरडीए में पूर्व से मौजूद अपने ही कार्यालय में बैठ नहीं पाने के कारण बैरंग लौटना पड़ा. दोपहर दो बजे के आसपास संतोष पासवान जब डीआरडीए स्थित अपने कार्यालय में प्रवेश करने के लिए गये तो दरवाजे में ताला लटका था. उपाध्यक्ष ने आदेशपाल को ताला खोलने का निर्देश दिया, लेकिन 15 मिनट बाद भी ताला नहीं खुला. इस बीच उपाध्यक्ष को खड़ा ही रहना पड़ा. कुछ देर बाद उपाध्यक्ष जिप अध्यक्ष रीता देवी के कार्यालय में बैठ गये.
उपाध्यक्ष संतोष पासवान को डीडीसी के पत्रांक 255 का पत्र का हवाला दिया गया.19 फरवरी को डीडीसी द्वारा उपाध्यक्ष को लिखे गये इस पत्र में कहा गया है कि उपाध्यक्ष का पद जिला परिषद तक ही सीमित है. इस पत्र के साथ डीआरडीए में उपाध्यक्ष की भूमिका ब्यौरा भी दिया गया है. इस ब्यौरे में डीआरडीए का जिला परिषद में हुए विलय के बाद उपाध्यक्ष पद का जिक्र नहीं है. डीआरडीए बॉयलोज के अनुसार उपाध्यक्ष डीआरडीए के सदस्य तक नहीं है.
डीडीसी ने डीआरडीए के प्रारुप का हवाला देते हुए डीआरडीए में उपाध्यक्ष के कार्यालय का ताला बंद करवा दिया. मालूम हो कि जिला परिषद अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चेंबर जिला परिषद के अपने कार्यालय में भी है.

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