एड्स की जांच के लिए यहां जेसेक्स के तहत सदर अस्पताल व मधुपुर अनुमंडलीय अस्पताल में आइसीटीसी सेंटर संचालित है. उक्त सेंटर में जेसेक्स प्रशिक्षित कर्मी जांच में पॉजिटीव पाये गये मरीजों की काउंसेलिंग कर उपचार हेतु एआरटी सेंटर भेजते हैं. इसके अलावे एड्स पर रोकथाम हेतु कई संस्थाएं भी कार्य में लगी हैं.
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रूक नहीं रहा एड्स, छह नये मरीज चिह्नित
देवघर: सरकार के निरंतर प्रयास के बावजूद एड्स पर लगाम नहीं लग पा रही है. जांच में फिर छह नये मरीजों में एचआइवी पॉजिटीव पाये गये हैं. एचआइवी पॉजिटीव मरीजों में दो स्थानीय और दो-दो दुमका व बांका के हैं. इन मरीजों को काउंसेलिंग के बाद एआरटी सेंटर रेफर कर दिया गया है. झारखंड एड्स […]
देवघर: सरकार के निरंतर प्रयास के बावजूद एड्स पर लगाम नहीं लग पा रही है. जांच में फिर छह नये मरीजों में एचआइवी पॉजिटीव पाये गये हैं. एचआइवी पॉजिटीव मरीजों में दो स्थानीय और दो-दो दुमका व बांका के हैं. इन मरीजों को काउंसेलिंग के बाद एआरटी सेंटर रेफर कर दिया गया है. झारखंड एड्स कंट्रोल सोसाइटी द्वारा लगातार बीमारी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम चलाये जाते हैं. वहीं एड्स के उपचार हेतु देवघर में वर्ष 2011 से एआरटी सेंटर भी संचालित है.
अब तक 563 मरीज चिह्नित, 60 की हो चुकी है मौत
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एआरटी सेंटर में अब तक 563 मरीज पहुंचे हैं. एआरटी सेंटर से उपचार करा रहे मरीजों में संताल के सभी जिले के मरीजों के अलावा बिहार अंतर्गत बांका व जमुई के एचआइवी पॉजिटीव मरीज शामिल हैं. सूत्रों की मानें तो वर्तमान में 442 एचआइवी पॉजिटीव मरीज एआरटी सेंटर से दवा ले रहे हैं. इसके अलावा एलएफयू होने के वजह से अब तक 60 पॉजिटीव मरीजों की मौत भी हो चुकी है.
एचआइवी पॉजीटिव का बच्चा निगेटिव
एड्स पर काम करने वाले फॉर पिपुल लिविंग विद एचआइवी एड्स के सचिव का कहना है कि बीमारी के प्रति लोगों में बहुत हद तक जागरुकता आयी है. एचआइवी पॉजीटिव महिला का सामान्य प्रसव उन लोगों के प्रयास से कराया गया था जिसमें बच्चा निगेटिव निकला था. फिलहाल दो एचआइवी पॉजीटिव गर्भवती का इलाज चल रहा है. अब तक उसकी स्थिति ठीक है. सचिव का यह भी कहना है कि कई मरीजों के सामने ट्रांसपोर्टिंग की समस्या आ रही है. ऐसे मरीजों को सहायता मिलनी चाहिये.
क्या कहते हैं नोडल ऑफिसर
एड्स के प्रति काफी हद तक जागरूकता आयी है. कई संस्थाएं भी जागरूकता को लेकर कार्यक्रम चला रही हैं. एड्स कंट्रोल सोसायटी के तहत यहां आइसीटीसी सेंटर व एआरटी सेंटर संचालित है. इसके अलावा दुमका में एक लिंक एआरटी सेंटर व देवघर के सभी सीएचसी में लिंक आइसीटीसी सेंटर चल रहा है. लिंक आइसीटीसी सेंटर में भी जांच की सुविधा है जहां ट्रेंड एएनएम मरीजों को काउंसेलिंग भी करती हैं. देवघर एआरटी सेंटर में संताल समेत बिहार के बांका-जमुई जिले के पॉजिटीव मरीज दवा ले रहे हैं. शीघ्र एआरटी सेंटर में एसएमओ के बहाली की दिशा में प्रक्रिया करायी जायेगी.
डॉ आरएन प्रसाद, नोडल ऑफिसर एआरटी सेंटर देवघर
पीड़ितों को इंदिरा आवास मिलने में विलंब
देवघर. सरकार की तरफ से एचआइवी/एड्स पीड़ित व्यक्तियों को झारखंड सरकार द्वारा इंदिरा आवास दिलाने की दिशा में सभी जिले के डीसी-डीडीसी को वर्ष 2015 में ही निर्देश प्राप्त हुआ था. उक्त निर्देश के आलोक में प्रखंडों से सूची भी भेज दी गयी थी. बावजूद एड्स पीड़ितों को इंदिरा आवास का लाभ अब तक नहीं मिला है. इसे लिकर देवघर जिले के करीब दो सौ मरीजों में सरकार व प्रशासन के प्रति निराशा का भाव है. मिली जानकारी के अनुरुप नवंबर 2015 में देवघर प्रखंड से दो, मोहनपुर प्रखंड से दो, सारवां प्रखंड के एक व मधुपुर प्रखंड के आठ मरीजों की सूची इंदिरा आवास के लिये डीडीसी कार्यालय को भेजी गयी थी. वहीं दिसंबर 2015 में मोहनपुर प्रखंड से तीन, देवघर प्रखंड से एक व सारवां प्रखंड से एक मरीज की सूची डीडीसी कार्यालय को भेजा गया है. अब तक इस दिशा में क्या कार्रवाई हुई है? प्रशासन के स्तर से इसकी जानकारी उन लोगों को नहीं दी गयी है.
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