देवघर: आर्थिक तंगी के कारण मनोज यादव (पिता प्रभु यादव) ने रविवार की शाम फांसी लगाकर जान दे दी. यह कहना है मृतका की पत्नी सुभद्रा देवी का. उन्होंने नगर थाना में अपना बयान दर्ज कराया है.
इसमें बताया कि पहले मनोज ऑटो चलाता था. कुछ दिनों से उसकी ऑटो खराब हो गयी थी. पैसे के अभाव में वह अपना ऑटो ठीक नहीं करवा पा रहा था व घर में काफी दिनों से बेरोजगार बैठा हुआ था. अपने बयान में कहा है कि वर्ष 2003 में उसकी शादी हुई थी. शादी के कुछ महीने तक सब कुछ ठीक ठाक रहा, मगर उसके बाद सास-ससुर ने खर्च देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उसके पति टेंपू चलाने लगे. दो साल बाद टेंपू खराब हो गया, तो उनके बड़ेभाई दिलीप यादव एक टेंपू खरीद कर दिये.
मगर वह भी कुछ दिनों बाद खराब हो गया. आर्थिक तंगी से जुझाने के कारण वह टेंपू को ठीक नहीं करा सके .कुछ दिनों तक उसके पति ने बिग बाजार में भी काम किया, लेकिन उससे गुजर बसर नहीं हो रहा था. उसके दो बच्चे भी हैं. सुभद्रा देवी ने आगे बताया है कि दीपावली में वह अपने दोनों बच्चों के साथ मायके काशीडीह (देवीपुर) चली गयी. इस बीच रविवार की शाम लगभग आठ बजे उनके पति के दोस्त आशीष कुमार घर पहुंचे व कमरे के बाहर से आवाज दी.
जब काफी देर तक तक दरवाजा नहीं खुला तो उसके बड़े भाई सचिन यादव व मकान में रहने वाले किरायेदारों ने मिल कर दरवाजा तोड़ा. तो नाइलोन की रस्सी में फंडा डाल कर मनोज का लाश लटका हुआ देखा. उन लोगों ने पुलिस को सूचना देने के बाद लाश को उतारा. पुलिस पहुंची व घरवालों से पूछताछ की. पूछताछ के बाद लाश को पोस्टमार्टम के लिए लायी. जानकारी के अनुसार,उसके ससुर का बड़ा मकान है. जिसमें कई किरायेदार भी रहते हैं. ससुर ने उन दोनों को एक कमरा ही रहने के लिए दिया था. बयान दर्ज करने के बाद पुलिस अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. ज्ञात हो रविवार की शाम पूरनदाहा मुहल्ला स्थित यादव भवन में मनोज यादव ने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली थी.