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प्रसव अस्पताल में, इलाज प्राइवेट में

देवघर: सदर अस्पताल के लेबर वार्ड में लगा रेडियंट वार्मर एक माह से अधिक दिनों से खराब है. इससे नवजात को अस्पताल में रखने में काफी परेशानी हो रही है तथा उसे इलाज के लिए प्राइवेट नर्सिग होम भेजा जा रहा है. इन नर्सिग होम के वार्मर में नवजात को रखने के लिए प्रतिदिन के […]

देवघर: सदर अस्पताल के लेबर वार्ड में लगा रेडियंट वार्मर एक माह से अधिक दिनों से खराब है. इससे नवजात को अस्पताल में रखने में काफी परेशानी हो रही है तथा उसे इलाज के लिए प्राइवेट नर्सिग होम भेजा जा रहा है. इन नर्सिग होम के वार्मर में नवजात को रखने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से 500 से 700 रुपये वसूला जा रहा है. ऐसे में गरीब के समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी है. इधर, अस्पताल प्रबंधन की ओर से वार्मर को ठीक कराने का प्रयास भी नहीं किया जा रहा है. पूर्व सीएस डॉ आरएन प्रसाद के समय वार्मर की खरीद की गयी थी. इसकी कीमत लगभग 85 हजार बतायी गयी है, लेकिन बेहतर रखरखाव नहीं होने के कारण मशीन खराब हो गयी.

रेडियंट वार्मर की उपयोगिता
चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने बताया कि जन्म के बाद नवजात को हाइपोर्थिमिया होने का डर बना रहता है. इससे बच्चे का कोई अंग डैमेज होने के साथ ही मौत भी हो सकती है. इसलिए नवजात के शरीर के तापमान को मेंटेंन करने के लिए रेडियंट वार्मर में रखा जाता है.

कंबल में लपेट चलाया जा रहा काम
लेबर वार्ड की एएनएम का कहना है कि फिलहाल कंबल में लपेट कर बच्चे के शरीर के तापमान को मेंटेन किया जा रहा है. रेडियंट वार्मर के खराब होने के बाद से नवजात को प्राइवेट नर्सिग होम में इलाज के लिए परिजन ले जा रहे है.

‘‘ निरीक्षण के दौरान खराब होने की जानकारी मिली थी. उसे ठीक कराने के लिए क हा गया है.

-डॉ दिवाकर कामत, सीएस, देवघर

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