देवघर : नयी त्रिस्तरीय पंचायतीराज का गठन लगभग हो चुका है. इस बार केंद्र व राज्य सरकार नयी पंचायतीराज व्यवस्था को कई नयी शक्तियां सौंपने जा रही है. इसमें पंचायत के तीनों इकाई की अलग-अलग शक्तियां शामिल हैं. इसमें सबसे बड़ी शक्ति के रुप में जिला परिषद अध्यक्ष को डीआरडीए का पदेन अध्यक्ष का पद है. हालांकि सरकार ने राज्य भर में जिला परिषद अध्यक्ष को डीआरडीए का पदेन अध्यक्ष पंचायत चुनाव से ठीक पहले बनाया था. बाद में पंचायत चुनाव की घोषणा होने से यह पूरी तरह से पटरी पर नहीं उतर पाया. अब डीआरडीए कई विकास कार्य करने का मौका है.
डीआरडीए में मनरेगा की मॉनिटरिंग के साथ-साथ इंदिरा आवास व राष्ट्रीय आजीविका मिशन की योजनाओं पर भी मुहर लगेगी. इसके साथ ही जिला परिषद के अधीन कुल 14 विभाग रहेगा. इन 14 विभागों में सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग से लेकर कई विभाग की योजनाओं का अनुमाेदन भी जिला परिषद से होगा. जिला परिषद को सरकार ने अप्रैल 2015 में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग का भी अधिकार सौंपा है. भूमि सुधार विभाग में हाट की बंदोबस्ती में राजस्व की वसूली का भी अधिकार जिला परिषद को होगा.
पंचायत को जायेगी 14वां वित्त आयोग की राशि
केंद्र सरकार की 14वां वित्त आयोग की राशि वित्तीय वर्ष 2015-16 में सीधे पंचायतों के खाते में जायेगी. इसमें करीब 20 लाख रुपये प्रत्येक पंचायत के खाते में जायेगी. पंचायतों को स्वयं पांच लाख तक योजनाओं की स्वीकृति देने का अधिकार होगा. जबकि पंचायत समिति को दस लाख व जिला परिषद को 25 लाख तक की अन्य योजनाओं की स्वीकृति देने का अधिकार है.